आम लोगों के मुकाबले कर्मचारियों की सेहत पर 8 गुना ज्यादा खर्च करती है सरकार

नई दिल्ली
देश में सेहत पर सबसे ज्यादा 9039 रुपये (प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष) केंद्रीय कर्मियों पर होता है जबकि आम आदमी पर सरकारी खर्च महज 1136 रुपये (करीब 16 अमेरिकी डॉलर) होता है। यानी आम आदमी के मुकाबले आठ गुना ज्यादा खर्च। स्वास्थ्य मंत्रालय की नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट 2019 में यह आंकड़े सामने आए हैं। ब्रुनेई दारूसलम जैसे छोटे से देश में भी प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर खर्च 599 अमेरिकी डॉलर है।
हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य पर खर्च के मामले में भारत काफी पीछे है। यूरोप और अमेरिका से तुलना नहीं भी करें तो पड़ोसी देशों में म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश से ही हम बेहतर स्थिति में हैं। भूटान में प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर व्यय 67.5, श्रीलंका में 66, इंडोनेशिया में 50 तथा तिमोर में 44.6 अमेरिकी डॉलर है। अमेरिका में यह 8078 तथा ब्रिटेन में 3175 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति है।
केंद्रीय कर्मियों के लिए सीजीएचएस
देश में सरकारी कार्मिकों, श्रमिकों तथा सरकारी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों, पेंशनरों आदि को सीजीएचएस के जरिये स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। सीजीएचएस लाभार्थियों पर सरकार प्रति व्यक्ति 9039 रुपये खर्च कर रही है। लेकिन ईएसआई पर के तहत कवर होने वालों पर 516 रुपये ही खर्च होता है। जबकि यह संस्था श्रमिकों के अंशदान से ही संचालित है। इसी प्रकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमार योजना के तहत महज 227 रुपये ही प्रति व्यक्ति सरकार खर्च कर रही थी। इस आकलन में 2016-18 के बीच के आंकड़े शामिल किए गए हैं।