51 रैलियां, 4000 टिफिन मीटिंग; लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने में जुट गई भाजपा

नई दिल्ली
मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। एनडीए सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताने के लिए 51 बड़ी रैलियों और 4000 टिफिन मीटिंग आयोजित करने की योजना शुरू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा इस अभियान का नेतृत्व करेंगे। इसमें लगभग 15 लाख पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे।

इस अभियान के दौरान भाजपा नेताओं के द्वारा पवित्र स्थानों की यात्रा भी की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह 10 जून को महाराष्ट्र में सिखों के पवित्र स्थान नांदेड़ जाएंगे। यहां वह गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा उसी दिन तिरुपति में भगवान बालाजी मंदिर जाएंगे और एक रैली को संबोधित करेंगे।

जेपी नड्डा 11-13 जून तक अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भी तीन दिन बिताएंगे। कुल्लू, कांगड़ा में बज्रेश्वरी देवी मंदिर और पठानकोट में बजुराह जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 31 मई को अजमेर में एक रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर में दर्शन किया था। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा 14 जून को पंजाब के होशियारपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे। पार्टी 2022 में आम आदमी पार्टी (आप) से विधानसभा चुनाव हारने के बाद पंजाब में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश कर रही है। पुराने साथी शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन पर भी चर्चा जारी है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अकाली दल और भाजपा के बीच फिर से गठबंधन हो सकता है।

भगवा पार्टी ने "टिफिन मीटिंग्स" शुरू कर दी है। यह तीन घंटे चलती है। इस दौरान भाजपा के पदाधिकारी मोदी सरकार की उपलब्धियों पर स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद भोजन साझा करेंगे। जेपी नड्डा पहले ही नोएडा में इसकी शुरुआत कर चुके हैं।

बीजेपी का लक्ष्य 4000 टिफिन मीटिंग के जरिए लाखों लोगों तक पहुंचने का है। महीने भर चलने वाला महासंपर्क अभियान 30 जून को समाप्त हो रहा है। बीजेपी इस दौरान राष्ट्रवाद के मुद्दे को भी उठा रही है। भगवा खेमे के वरिष्ठ नेता देश भर में युद्ध नायकों से भी मिलेंगे। जेपी नड्डा ने जनरल (रिटायर्ड) दलबीर सिंह सुहाग से मुलाकात की थी। उनके कार्यकाल में उरी और म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एएस लांबा और एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डेन्ज़िल कीलोर से भी मुलाकात की थी।

 

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