38 योजनाओं में वित्त की परमिशन बिना धन निकासी नहीं

 भोपाल

राज्य सरकार ने नए मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के गठन के पहले प्रदेश के 38 विभागों की अनियंतित्र खर्चो पर लगाम लगा दी है। कोविड उपचार, तीर्थ दर्शन योजना, नि:शुल्क पाठय सामग्री , लेपटॉप के वितरण सहित इन विभागों की कई योजनाओं के लिए वित्त विभाग की अनुमति बिना धन निकासी पर पर रोक लगा दी है। जिन प्रमुख विभागों की योजनाओं पर फायनेंस की अनुमति बिना अब धन निकासी नहीं हो सकेगी उनमें परिवहन विभग की ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन और विभागीय परिसम्पत्तियों के संधारण पर राशि निकासी के लिए वित्त विभाग की अनुमति जरुरी होगी।

गृह विभाग के गेलेंटरी अवार्ड पुलिस पदक, पुत्र, पुत्रियों को प्रतिरक्षा में भर्ती कराने वाले माता-पिता के लिये सम्मान निधि, पुरस्कार,थानों के सुदृढ़ीकरण, जेल विभाग में विभागीय सम्पत्तियों के संधारण, जीएडी में विभागीय परिसम्पत्तियों के संधारण,  वाणिज्य कर विभाग में  मध्यप्रदेश भामाशाह पुरस्कार योजना, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग में तीर्थ दर्शन योजना,  खेल विभाग में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, खेलों इंडिया एमपी, स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना निर्माण, ओलंपिक 2024,  मध्यप्रदेश खेल प्राधिकरण को अनुदान, कृषि विभाग में  एक जिला एक उत्पाद की संचालन योजना, प्राइवेट एजेंसियों, ठेकेदारों द्वारा कृषकों के खेतों पर सफल नलकूप खनन में सहायता, सहकारिता विभग में मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, प्राथमिक साख सहकारी समितियों को प्रबंधकीय अनुदान, सहकारी बैंको अंशपूंजी, स्वास्थ्य विभाग में कोविड उपचार एवं प्रबंधन, मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार योजना में अब वित्त से अनुमति लेकर ही राशि निकासी हो सकेगी।

इनके लिए भी जरूरी होगी अनुमति
लोक निर्माण विभाग में एफ टाईप एवं उससे नीचे की श्रेणी के सरकारी आवासों के अनुरक्षण,  शासकीय आवास गृहों के अनुरक्षण, क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण, भारतीय सड़क कांग्रेस को अनुदान, स्कूल शिक्षा विभाग में छात्रावासों, मॉडल स्कूलों की स्थापना, प्रतिभााशाली विद्यार्थियों को लेपटॉप वितरण, आरटीई के तहत शासकीय विद्यालयों को टयूशन फीस की प्रतिपूर्ति, नि:शुल्क पाठय सामग्री का प्रदाय करने,  प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटाप प्रदाय किए जाने, व्यावसायिक महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु विशेष प्रशिक्षण,  शैक्षिक अभ्युत्थान, एनसीसी के विकास एवं सुदृढ़ीकरण, खेलकूद परिसरों के निर्माण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षण एवं आवास व्यवस्था सहित कई योजनाओं के लिए अब राशि निकासी के लिए पहले वित्त विभाग की अनुमति जरुरी होगी।

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