भारतीय हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में पदक की प्रबल दावेदार है: हरेंद्र सिंह

नई दिल्ली
 करियर की शुरूआत से अब तक के उनके सफर को करीब से देखने वाले अनुभवी कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में पदक की प्रबल दावेदार है। उनकी टीम को एक ही सलाह है, बस अपना स्वाभाविक खेल दिखाओ। अप्रैल 2024 में भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच बनने के बाद पहले इंटरव्यू में हरेंद्र ने कहा, मैं उन्हें यही सलाह दूंगा कि अपना स्वाभाविक खेल दिखाओ। भारतीय टीम पदक जीतने में सक्षम है। मैं पदक के रंग को लेकर कयास नहीं लगाऊंगा लेकिन पदक मिलेगा और यह मैं सिर्फ इसलिये नहीं कह रहा हूं क्योंकि मैं भारतीय हूं।

उन्होंने कहा, भारत के पास अच्छी फॉरवर्ड लाइन है, शानदार मिडफील्डर और गोलकीपर पी आर श्रीजेश के रूप में भारतीय हॉकी की दीवार है। इसके अलावा हरमनप्रीत जैसा कूल कप्तान है। अमेरिका की पुरूष टीम के मुख्य कोच रहे 55 वर्ष के हरेंद्र ने कहा, क्रेग फुल्टोन शानदार कोच हैं और ओलंपिक पदक विजेता रह चुके हैं। उन्हें पता है कि चैम्पियन टीम बनने के लिये क्या चाहिये और दबाव के हालात से कैसे निपटना है। उन्हें यूरोपीय और भारतीय हॉकी का काफी अनुभव है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त हरेंद्र 2000 सिडनी ओलंपिक, 2005 जूनियर विश्व कप, 2006 विश्व कप, 2006 एशियाई खेल, 2009 एशिया कप और 2010 पुरूष हॉकी विश्व कप में विभिन्न भूमिकाओं में भारत की सीनियर और जूनियर टीमों के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रह चुके हैं। वह 2016 में लखनऊ में जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के कोच थे। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत 2016 की जूनियर टीम का हिस्सा थे। हरेंद्र ने 2015 में ही भविष्यवाणी कर दी थी कि एक दिन वह भारत के कप्तान बनेंगे।

1990 एशियाई खेलों के पदक विजेता ने कहा, हरमनप्रीत शानदार कप्तान है। मैंने अक्टूबर 2015 में जोहोर कप के लिये जूनियर टीम की रवानगी से पहले दिल्ली में ध्यानचंद स्टेडियम पर कहा था कि अगर वह अपने प्रदर्शन में सुधार करता रहा और यूं ही सहज भाव से खेलता रहा तो एक दिन भारत का कप्तान बनेगा। 2017 में एशिया कप जीतने वाली भारतीय महिला टीम के कोच रहे हरेंद्र ने कहा, उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह हर परिस्थिति में शांतचित्त रहता है। यह उसकी ताकत है और यह अच्छे फैसले लेने में उसकी मदद करती है।

यही वजह है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में से है। अपना चौथा और आखिरी ओलंपिक खेल रहे श्रीजेश के बारे में उन्होंने कहा कि वह हॉकी ही नहीं सभी खेलों के खिलाड़ियों के लिये प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा, वो मेरा जांगू (श्रीजेश का प्यार से बुलाया जाने वाला नाम) है। पेरिस में पदक उसे सैल्यूट होगा। इतने साल से इतनी ज्यादा हॉकी खेलते हुए भी आज तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहना , शारीरिक और मानसिक रूप से इतना फिट रहना आसान नहीं। वह कमाल का खिलाड़ी है।

 

 

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