हद हो गई : सीएजी रिपोर्ट में खुलासा, करोड़ों की हेराफरी की जांच कहां चल रही है कुछ पता नहीं
लखनऊ
सीएजी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकारी धन के दुरुपयोग, चोरी या फिर हानि के मामले में सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ तमाम मामलों में या तो जांच शुरू की गई तो पूरी नहीं हुई। और जहां जांच पूरी हो गई, वहां दोषियों से वसूली की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई। पांच दर्जन मामले तो 25 वर्षों से लटके पड़े हैं।
प्रदेश के सरकारी खजाने की 930.78 लाख रुपये की राशि के दुरुपयोग, चोरी व नुकसान के कुल 135 मामले लंबित चल रहे हैं। भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट कहती है कि 31 मार्च 2021 तक लम्बित इन 135 मामलों से 170.91 लाख रुपये की राशि के 32 मामलों में विभागीय और आपराधिक जांच भी शुरू नहीं हो सकी है।
491.78 लाख रुपये की राशि से जुड़े 86 मामलों में विभागीय कार्यवाही शुरू तो की गई जिन्हें अंतिम रूप नहीं दिया गया। वहीं 268.09 लाख रुपये के 17 मामलों में आपराधिक कार्रवाई को अंतिम रूप दिया तो गया मगर धनराशि की वसूली नहीं हो सकी। इनमें से सर्वाधिक 64 मामले 1995-96 या इससे भी पहले के हैं। 25 वर्षों से अधिक पुराने इन 64 मामलों में 400.07 लाख रुपये की सरकारी धनराशि का नुकसान हुआ है। 2006 से 2010-11 के दरम्यान के कुल 17 मामले हैं जिनमें 310.31 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।