राज्यसभा के लिए BJP से कविता और सुमित्रा ने भरा नामांकन

भोपाल
भाजपा के दोनों ही राज्यसभा प्रत्याशी कविता पाटीदार और सुमित्रा बाल्मीकि ने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा पहुंचकर दोनों ही उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया। इसके पहले दोनों उम्मीदवार प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे और दीनदयाल परिसर में पार्टी के पितृपुरुष कुशाभाऊ ठाकरे, पंडित दीनदयाल, राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

मंगलवार को नामांकन दाखिले का अंतिम दिन था और भाजपा ने अपने दूसरे प्रत्याशी सुमित्रा बाल्मीकि के नाम का ऐलान सोमवार को देर रात किया था जिसके बाद वे नामांकन भरने के लिए आज जबलपुर से भोपाल पहुंचीं।

राजनीति में सेवाभाव, सादगी सुमित्रा की पहचान
जबलपुर से तीन बार पार्षद रहीं और पिछले नगर निगम परिषद के कार्यकाल में नगर निगम सभापति की जिम्मेदारी निभा चुकीं सुमित्रा बाल्मीकि सादगी और सेवाभाव वाली महिला हैं। बताते हैं कि इसी कारण कई बार सभापति की जिम्मेदारी निभाने के दौरान उनका भाजपा की महापौर रही स्वाति गोडबोले से नगर विकास के मुद्दों पर मतभेद भी होता रहा है। सुमित्रा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी की करीबी रही हैं लेकिन अब उनके बेटे और विधायक अशोक रोहाणी से उतने अच्छे ताल्लुकात नहीं हैं। संगठन ने उनकी ड्यूटी यूपी चुनाव में भी लगाई थी जिसे सुमित्रा ने जिम्मेदारी से निभाया है।

भेरूलाल की बेटी कविता अपनी काबिलियत से बढ़ रहीं आगे
भाजपा से राज्यसभा प्रत्याशी घोषित की गईं कविता पाटीदार के पिता भेरूलाल पाटीदार विधानसभा (1993-1998) के अध्यक्ष रहे हैं। कविता पाटीदार ने एलएलएम तक शिक्षा हासिल की है और इंदौर जिला पंचायत रह चुकीं कविता इस समय प्रदेश भाजपा संगठन में महामंत्री के पद की जिम्मेदारी निभा रही हैं। पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाली कविता महिलाओं के लिए काम करती हैं। उनके पिता भेरूलाल पाटीदार का 13 नवम्बर 2005 को देहावसान हो गया था। तब से अपनी योग्यता के आधार पर लगातार आगे बढ़ रही हैं।

 

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