जीपी सिंह मामला.. सूको में राज्य सरकार की याचिका खारिज

नई दिल्ली/रायपुर
आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत के विरोध में डाली गई राज्य सरकार की याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी को संविधान के तहत मिले उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।

दरअसल, आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह  को 12 मई, 2022 को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। इस फैसले का विरोध करते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पूरी तरह से अनुचित कवायद है। जमानत के लिए एक आवेदन पर विचार करते समय, आवेदक की स्थिति पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। एक सामान्य नागरिक की तरह वह संविधान के तहत अपने अधिकारों का हकदार है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में अधिकारी के खिलाफ अधिकांश सबूत दस्तावेजी हैं। ऐसे में सबूतों के साथ छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि जीपी सिंह  अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रैंक के एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी हैं और सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने में शामिल रहे हैं। हाई कोर्ट ने इसकी अनदेखी की है।

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