जांच पूर्व कुलसचिव कुशवाहा 170 करोड़ के घोटाले में दोषी
भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के पूर्व कुलसचिव एसएस कुशवाहा भवन निर्माण व खरीदी में 170 करोड़ रुपये के नियम विरुद्ध भुगतान के मामले में दोषी पाए गए हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को तीन दिन में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शासन ने अनियमितताओं की विभिन्न् शिकायतों को लेकर तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर संचालक राकेश खरे और शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राध्यापक एके जैन की जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने तमाम बिंदुओं पर जांच कर पांच मार्च 2022 को करीब 350 पेज की रिपोर्ट विभाग को सौंपी थी। रिपोर्ट में कुलसचिव कुशवाहा पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। जिसके आधार पर तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं। इसके बाद सोमवार को हुई विभागीय बैठक में वि प्रबंधन को कार्रवाई के लिए कहा गया है।
दोषी को दे रखी हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी : जांच समिति की सिफारिश के तीन माह बाद भी प्रबंधन ने पूर्व कुलसचिव को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के समन्वयक, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वित्तीय अधिकार दे रखे हैं। जिसके तहत वे निर्माण कार्यों की निविदा से लेकर भुगतान तक के सभी दायित्व निभा रहे हैं। साथ ही इसी विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं।
इन मामलों में पाए गए दोषी
– संविदा शिक्षकों को 37,500 से 40 हजार रुपये का वेतनमान जनवरी 2020 में किया गया, जबकि कार्यपरिषद की बैठक में इस वेतनमान पर नियुक्ति नहीं करने का निर्णय लिया गया था।
– 2016 में सात लाख 56 हजार रुपये का भुगतान टेस्टिंग और कंसलटेंसी के लिए किया गया। एक साल में इतनी अधिक राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है।
– लैपटाप खरीदी में अनियमतिता की गई। खरीदी रसीद में माडल परिवर्तित हैं।