कई नामों पर मंथन के बाद कैलाश मकवाना जल्द लेंगे लोकायुक्त डीजी पद का चार्ज

भोपाल
डीजी लोकायुक्त राजीव टंडन के रिटायर होने के बाद लोकायुक्त के नए डीजी बनाए जाने वालों में कई आईपीएस अफसरों के नामों पर मंथन हुआ। इस मंथन के बाद यह तय हुआ कि पुलिस हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन कैलाश मकवाना को इस पद पर पदस्थ किया जाए। गौरतलब है कि मकवाना इससे पहले जब लोकायुक्त में थे तब वे खासे चर्चित हुए थे।

डीजी लोकायुक्त बनाये जाने से पहले राज्य शासन ने कैलाश मकवाना के अलावा एडीजी डायल 100 संजय झा, सीआईडी एडीजी जीपी सिंह, चंबल एडीजी राजेश चावला, एडीजी एसटीएफ विपिन माहेश्वरी के नामों को लेकर मंथन किया। इसके चलते 31 मई की सुबह तक यह तय नहीं हो सका था कि लोकायुक्त डीजी के रूप में किस अफसर को पदस्थ करना है। इनमें से कुछ अफसर लोकायुक्त से भी मुलाकात कर बतौर डीजी पदस्थापना चाहने की अपनी मंशा जाहिर कर चुके थे।

रात में हो गया तबादला
इसी बीच ऐसी भी खबरे चली कि कैलाश मकवाना ने लोकायुक्त में जाने से मना कर दिया, इसके बाद से उनके नाम पर विराम लग गया था, लेकिन 31 मई की दोपहर में एक बार फिर कैलाश मकवाना के नाम की चर्चा तेज हुई। आला अफसरों ने उसने बात की। इसके बाद रात में उनका तबादला पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन से लोकायुक्त में कर दिया गया।

पहले भी पदस्थ रह चुके हैं मकवाना
लोकायुक्त में मकवाना पहले भी पदस्थ रह चुके हैं। उस वक्त वे बतौर एसपी यहां पर पदस्थ थे। तब आईपीएस अफसर को लोकायुक्त में पुलिस अधीक्षक की कमान दी जाती थी। उनके निर्देशन में भी आईएएस अफसर रमेश थेटे को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त मकवाना खासे चर्चित हुए थे।

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