चार राज्यों में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रभारी नियुक्त किए
नई दिल्ली
भाजपा ने बुधवार को विभिन्न राज्यों के राज्यसभा चुनाव और त्रिपुरा विधानसभा के उपचुनावों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किए। भाजपा ने राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किए हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए, हरियाणा के लिए गजेंद्र सिंह शेखावत, कर्नाटक के लिए जी किशन रेड्डी और कर्नाटक के लिए अश्विनी वैष्णव को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। राज्य सभा की 57 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 10 जून को 15 राज्यों में होंगे। त्रिपुरा के चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए भाजपा ने प्रभारी नियुक्त किए हैं, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, असम कैबिनेट में मंत्री अशोक सिंघल और असम के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जयंत मल्लबरुआ शामिल हैं त्रिपुरा के चार विधानसभा क्षेत्रों जुबराजनगर, सूरमा, टाउन बोरदोवाली और अगरतला में 23 जून को उपचुनाव होंगे और वोटों की गिनती 26 जून को होगी।
राजस्थान में 10 जून तक एक होटल में बंद रहेंगे कांग्रेसी विधायक
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में विधायकों में भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा की सेंध के डर कांग्रेस अपने और समर्थक विधायकों की तीन से दस जून तक बाड़ेबंदी करेगी। इन विधायकों को एक साथ होटल में रखा जाएगा। बाड़ेबंदी के लिए जयपुर और उदयपुर में एक-एक होटल बुक करवाए गए हैं। विधायकों को दस जून को मतदान के दिन होटल से सीधे विधानसभा लाया जाएगा। कांग्रेस को गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय विधायकों में टूट की आशंका है। मंगलवार को सीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में चार विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद यह चिंता ज्यादा बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश में 11 सीटों में से आठ सीटों ने भाजपा ने प्रत्याशी उतारे
उत्तर प्रदेश के कोटे से राज्यसभा में रिक्त हो रहीं 11 सीटों में से आठ सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा प्रत्याशी डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, डा. के. लक्ष्मण, सुरेंद्र नागर, डा. दर्शना सिंह, संगीता यादव, बाबूराम निषाद और मिथलेश कुमार सोमवार को लखनऊ में नामांकन करने के लिए विधानभवन पहुंचे। भाजपा के सभी प्रत्याशियों का निर्विरोध राज्यसभा में पहुंचना तय है, क्योंकि भाजपा के पास 273 विधायक हैं। प्रत्येक उम्मीदवार के लिए 34 विधायकों के वोट चाहिए। ऐसे में इन आठों की जीत में प्रत्यक्ष रूप से कोई संशय नहीं है।