‘सम्राट पृथ्वीराज’ देखकर निकले गृह मंत्री अमित शाह, पत्नी से बोले- ‘चलिए हुकुम’

 नई दिल्ली

बुधवार शाम नई दिल्ली में फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' की विशेष स्क्रीनिंग में गृह मंत्री अमित शाह ने पीरियड ड्रामा के कलाकारों और क्रू की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतिहास के एक छात्र के रूप में, उन्होंने न केवल उस फिल्म को देखने का आनंद लिया, जिसमें भारत के सांस्कृतिक युद्धों को दर्शाया गया है, बल्कि भारतीयों पर इसके महत्व को भी देखा गया है। शाह ने अपने परिवार के सदस्यों, कई केंद्रीय मंत्रियों, केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और अन्य मेहमानों के साथ मध्य दिल्ली के एक सिनेमा हॉल में 12वीं सदी के राजा पृथ्वीराज चौहान की वीरता को दर्शाने वाली फिल्म देखी। पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव सहित केंद्रीय मंत्रियों ने फिल्म विशेष शो देखा।

पत्नी से बोले  'चलिए हुकुम'
फिल्म देखने के बाद गृह मंत्री चाणक्य सिनेमा हॉल से बाहर जाने लगे, इसी दौरान उनकी पत्नी सोनल शाह वहीं खड़ी रहीं और सोचने लगीं कि उन्हें किस तरफ जाना है। तभी अमित शाह ने पत्नी को रास्ता दिखाते हुए कहा 'चलिए हुकुम'। ये सुनकर सोनल शाह और थियेटर में मौजूद सभी लोग हंसने लगे।

फिल्म "चलिए हुकुम" कहते हैं कैरेक्टर
अमित शाह पर ‘सम्राट पृथ्वीराज’ का खुमार देखने को मिला। दरअसल फिल्म के कैरेक्टर्स भी "हुकुम" शब्द का इस्तेमाल करते हुए दिखाए गए हैं और शायद यही वजह है कि फिल्म देखने के बाद अमित शाह को "हुकुम" शब्द याद रहा।
 

13 साल बाद परिवार के साथ थिएटर गए थे अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि 13 साल बाद वह अपने परिवार के साथ थिएटर में फिल्म देख रहे थे। उनके इस बयान पर खूब तालियां बजीं। अमित शाह का परिवार फिल्म के कलाकारों और क्रू मेंबर्स के साथ अंतिम पंक्ति में बैठा था। बता दें कि 'सम्राट पृथ्वीराज' में संजय दत्त, सोनू सूद ने भी अभिनय किया है। साथ ही ‘मिस वर्ल्ड 2017’ मानुषी छिल्लर ने भी इसके जरिये फिल्मी दुनिया में कदम रखा है। फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर भी मौजूद थे।

इससे पहले फिल्म के बाद दर्शकों से बात करते हुए शाह ने कहा कि भारत सदियों से बाहरी आक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है। शाह ने कहा कि पृथ्वीराज ने देश की संप्रभुता और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। गृह मंत्री ने कहा 'महिला अधिकारों का समर्थन करने वालों को यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 2014 में सत्ता में आने के बाद सांस्कृतिक पुनरुत्थान का एक युग शुरू हुआ।

 

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