उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी जीते, 54 हजार से अधिक वोट पाकर बनाया रिकॉर्ड
देहरादून
उत्तराखंड की चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने चंपावत विधानसभा सीट से जीत हासिल कर ली है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी सहित सभा प्रत्याशी मनोज कुमार और निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु गरकोटी को पछाड़ते हुए जीत का परचम लहराया है. गौरतलब है कि सीएम पुष्कर ने वोटों की गिनती के पहले ही राउंड में बढ़त बना ली थी 13 चरणों में हुई मतगणना के बाद धामी ने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हरा दिया.
धामी की जीत का जश्न मना रहे हैं कार्यकर्ता
वहीं सीएम धामी की जीत से भाजपा खेमे में खुशी का माहौल है. बीजेपी कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ धामी की जीत का जश्न मना रहे हैं और एक दूसरे का मुंह-मीठा करा रहे हैं. गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पुष्कर सिंह धामी का चंपावत विधानसभा सीट से जीतना बेहद जरूरी था. अब जब उन्होंने इस सीट पर विजय हासिल कर ली है तो धामी सीएम पद पर बने रहेंगे. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीत मिलने पर जनता का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि, “ मैं चंपावत की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया.”
चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के लिए 31 मई को हुआ था मतदान
बता दें कि चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के तहत 31 मई को मतदान हुआ था.इस उपचुनाव में लगभग 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. यह उपचुनाव मुख्यमंत्री धामी और भाजपा के लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी एवं अनुराग ठाकुर, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी , प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं धामी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया था.
चंपावत विधानसभा उपचुनाव में जीत सीएम धामी के लिए इसलिए थी जरूरी
जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में इसी वर्ष हुए विधानसभा के आम चुनाव में 70 में से 47 सीटें जीतकर भाजपा ने एक नया रिकॉर्ड तो बना लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार गए थे. इस हार के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताते हुए , उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज किया था. धामी ने 23 मार्च को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना है, इसलिए चंपावत विधानसभा का उपचुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण हो गया.