अधिकारी कर्मचारियों पर लापरवाही पर बड़ा एक्शन
भोपाल
मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों (MP Employees-Officers) पर बड़ी कार्रवाई की गई है। 8 को नोटिस जारी करने के अलावा 2 को सस्पेंड (suspend) किया गया है। दरअसल मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मीटर रीडिंग (meter reading) में लापरवाही बरतने पर सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से कार्य क्षेत्र में कार्य 40 मीटर वाचक को ड्यूटी से अलग कर दिया गया। इसके अलावा 101 कर्मचारियों के 3 दिन के वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं।
इतना ही नहीं सेवा प्रदाता विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 53 मीटर वाचक को कार्य में लापरवाही पर पहले भी चेतावनी जारी की गई थी। बता दे कि गलत मीटर रीडिंग सहित रीडिंग लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की गई है। कंपनी कार्यक्षेत्र में होशंगाबाद के 6, मुरैना की चार, हरदा के 3 सीहोर के 2, भोपाल के 5, ग्वालियर के दो, राजगढ़ के दो, शिवपुरी में दो, विदिशा में एक और गुना में तीन सहित रायसेन में 6 मीटर वाचक को ड्यूटी से अलग कर दिया गया।
इस मामले में बोलते हुए विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा का कहना है कि मैदानी अधिकारी कर्मचारी पर नजर रखी जा रही है। वही कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई की जा रही है। मीटर वाचक की कार्य पर नजर निष्ठा ऐप के जरिए रखा जा रहा है और कार्य में लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ गंभीर एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने सभी को जागरूक रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि उनके परिसर में मीटर रीडिंग होती है तो वह मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें ताकि सही जानकारी प्रेषित की जा सके।
एक अन्य कार्रवाई बुरहानपुर जिले में की गई है। जहां हत्या के प्रयास में गिरफ्तार किए गए निवासी आरोपी न्यायालय से फरार हो गया। इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने दो आरक्षक मनोज पवार और महेश मालवीय को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा नगर सेना के 2 जवान चंद्रभान और अशोक के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमांडेंट को पत्र लिखा गया। बता दें कि बुछा द्वारा 3 दिन पहले 55 वर्षीय युवक की पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया गया था। जिसके बाद हत्या के प्रकरण में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वही कोर्ट में पेश होने के बाद पुलिसकर्मियों को चकमा देकर बुछा फरार होने में सफल हो गया।
इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के शासकीय और निजी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। इसके लिए सरकारी स्कूलों में सत्र 2022 में यूजी-पीजी के प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि प्रवेश प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जिस पर विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए और शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी कर दिया है।महाविद्यालय के छात्रों के प्रवेश में लापरवाही के कारण उसकी टीस रिपोर्टिंग नहीं हो सकी। जिसके कारण छात्रों ने प्रवेश से वंचित रह गए वहीं आयुक्त ने लापरवाही पर यह कार्रवाई की है।
एक कार्रवाई विदिशा जिले में की गई है। जहां एसडीम गोपाल वर्मा ने मेडिकल कॉलेज के डीन, जिला अस्पताल के 4 सिविल सर्जन और डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिया है। बता दे कि एसडीम ने मेडिकल कॉलेज के डीन सुनील नंदेश्वर सहित जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ संजय खरे, डॉक्टर राजकुमार को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के निर्देश दिए हैंएसडीम बता दें कि बुधवार की सुबह एसडीएम को जांच कर शाम तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थेएसडीम इस दौरान एसडीएम ने डॉ राजकुमार वर्मा पुलिस आरक्षक के बयान लिए।
जानकारी के मुताबिक सोमवती अमावस्या पर तालाब में डूबने से 55 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी और मृतका के बेटे राजेश मालवीय द्वारा जिला अस्पताल पहुंचे थे लेकिन अस्पताल में डॉक्टर राजकुमार ने उसे वापस मेडिकल कॉलेज भेज दिया। मेडिकल कॉलेज में अस्पताल वापस भेज दिया। इस दौरान मां के शव को लेकर बेटा भटकता रहा। खबर सामने आने के बाद सीएमएचओ ने जांच के निर्देश दिए थे। एसडीएम ने अपने स्तर पर जांच कराई और जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी थी। जिस पर अब नोटिस जारी किया गया है।