धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार में नहीं होगा

 इंदौर
 नगरीय निकाय चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के तहत किसी भी पूजा स्थल या धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा। साथ ही किसी भी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, संप्रदाय, जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, सांप्रदायिक या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए।

प्रदेश सहित इंदौर जिले में होने जा रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन कार्यालय ने राजनीतिक दलों को आचार संहिता की इस गाइडलाइन के बारे में स्पष्ट कर दिया है। मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पहले से शराब की दुकानें बंद रखी जाएंगी। इस अवधि में किसी अभ्यर्थी या उसके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा न तो शराब खरीदी जाए और न ही उसे किसी को पेश या वितरित किया जाए। राजनीतिक दलों के साथ हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा आदि का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

किसी भी अभ्यर्थी या उसके समर्थकों द्वारा किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झंडा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि प्रचार कार्यों के लिए उसकी अनुमति के बिना नहीं किया जाना चाहिए। शासकीय एवं सार्वजनिक भवन, परिसर या अन्य परिसम्पत्तियों का उपयोग भी प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा। किसी भी व्यक्ति के कार्यों या विचारों का विरोध करने के लिए किसी दल या उम्मीदवार द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना देने, नारेबाजी करने या प्रदर्शन करने का कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।

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