राजीव गांधी किसान न्याय योजना : किसानों का रूझान जैविक खेती और फसल परिवर्तन के लिए बढ़ा
रायपुर
राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव गांधी गोधन न्याय योजना से न केवल गांव और किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हुई है बल्कि उनका रूझान जैविक खेती और फसल परिवर्तन के लिए भी बढ़ा है।
ग्राम तांदुल के किसान केशव लाल टंडन ने बताया कि वे 4 एकड़ जमीन में जैविक खेती करते हैं। राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है और इससे रसायनिक उर्वरकों के प्रति निर्भरता कम हो रही है। जैविक खेती से परिवार और बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। राज्य सरकार द्वारा फसल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की राशि दी जा रही है।
सुगंधित धान के साथ तिल, मुंग, धनिया और चना जैसी फसल लेने वाले ग्राम पथरी के किसान श्याम बघेल ने कहा कि वे अपने 9 एकड़ के खेत में सुगंधित धान और फोर्टिफाइड चांवल का उत्पादन करते हैं और इसके लिए गोबर खाद् तथा वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करते है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को ऐसे समय अतिक्ति राशि मिलती है जब उन्हें खेती- किसानी जैसे कार्यो के लिए राशि की काफी जरूरत होती है।
ग्राम परसदा अभनपुर के किसान सीताराम साहू ने राजेंद्र कस्तूरी धान का उत्पादन किया। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भूपेश सरकार का धन्यवाद किया। ग्राम कुर्रा के किसान अनिल नायक ने कहा कि फसल परिवर्तन कर मिट्टी की उर्वरता क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।
मंदिरहसौद के किसान मोहन यादव ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य के छोटे – बड़े सभी किसान लाभान्वित हो रहे है और फल-फूल रहे है। इन योजना से उन्हें हाल ही में 24 हजार रुपए की सहायता राशि मिली है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार को धन्यवाद देते हैं। किसान सीताराम साहू ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों खेती-किसानी के साथ -साथ जरूरत के कार्यो को करने, बच्चों की पढ़ाई- लिखाई और शादी करने में सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि 'भूपेश है तो भरोसा हैं।