जम्मू-कश्मीर: सुरक्षा बढ़ाने के बावजूद घाटी छोड़ रहे प्रवासी कर्मचारी, अमित शाह ने LG के संग किया मंथन
नई दिल्ली।
पूरे कश्मीर में सरकार की तरफ से ट्रांजिट कैंप के आसपास सुरक्षा बढ़ाए जाने के बावजूद प्रवासी कर्मचारी और उनके परिवार छोटे समूहों में घाटी छोड़ना जारी रखे हुए हैं। पुलिस उन इलाकों पर भी कड़ी नजर रखे हुए है, जहां कर्मचारी किराए के मकान में रह रहे हैं। घाटी में ताजा हत्याओं के बाद सैकड़ों प्रवासी कर्मचारी और उनके परिवार जम्मू लौट आए हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती लक्षित हत्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा रणनीति की गहन समीक्षा कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को जम्मू कश्मीर की सुरक्षा को लेकर वहां के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली में दो दौर की बैठक हुई। एक प्रवासी कर्मचारी रंजन जुत्शी ने कहा, आज भी कई कर्मचारी और उनके परिवार मट्टन से चले गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बनिहाल सुरंग तक सरकार को सुरक्षा देने की मांग की थी, लेकिन नहीं दी गई। कई लोग अपने निजी वाहनों और मोटरसाइकिलों में चले गए। प्रवासी कर्मचारियों के 250 से अधिक परिवार थे। वहां परिवार ट्रांजिट कैंप और किराए पर रह रहे थे। 100 से अधिक परिवार पहले ही असुरक्षा के कारण इस जगह को छोड़ चुके हैं।
माहौल बहुत डरावना: प्रवासी कर्मचारी
प्रवासी कर्मचारी सुनील कुमन ने बताया कि आज सुबह निजी वाहन से घाटी से रवाना हुए। माहौल बहुत डरावना है, इसलिए मैंने अपने दोस्तों के साथ कश्मीर छोड़ने का फैसला किया। हम तभी लौटेंगे, जब घाटी में स्थिति में सुधार होगा और कोई हमला नहीं होगा।
ट्रांजिट कैंपों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई
शेखपोरा ट्रांजिट कैंप में रहने वाले एक अन्य प्रवासी कर्मचारी संदीप कुमार ने कहा कि आधे परिवार कश्मीर छोड़ चुके हैं। हमारी एकमात्र मांग कश्मीर से स्थानांतरण है। इस बीच ट्रांजिट कैंपों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां तक कि सेना को भी उन जगहों पर रात्रि वर्चस्व अभियान करने के लिए कहा गया है, जहां प्रवासी कर्मचारी या गैर स्थानीय लोग किराए के आवास में रह रहे हैं।
बैठक में अजित डोभाल और दिलबाग सिंह भी हुए शामिल
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर की गई पहले दौर की उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह भी शामिल हुए। इनके अलावा, बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ओर बीएसएफ प्रमुख पंकज सिंह भी शामिल हुए। बैठक में आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम का विषय भी उठा। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को ज्यादा प्रभावी बनाने के अलावा स्थानीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को खंगाला है। हाल में हुए आतंकी हमले में एक बैंक मैनेजर की हत्या हो गई, विजय कुमार नामक बैंक मैनेजर को कुलगाम जिले में उनके आफिस के बाहर ही आतंकियों ने गोली मार दी। इसके पहले भी कई लोगों को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है। गुरुवार को भी कश्मीर में हिंदू बैंक कर्मचारी की हत्या के कुछ घंटों बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत गोयल शामिल थे।