पहले राज्यसभा से कटा पत्ता फिर लोकसभा का भी नहीं मिला टिकट, नकवी के करियर को लेकर बढ़ा संशय
नई दिल्ली।
राज्यसभा के बाद लोकसभा उपचुनाव में भी टिकट न मिलने से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर संसश बढ़ गया है। नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। भाजपा ने शनिवार को यूपी से दो लोकसभा उप चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिसमें नकवी का नाम नहीं है। पार्टी ने भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को आजमगढ़ से जबकि घनश्याम लोधी को रामपुर से उमीदवार बनाया है। भाजपा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के दो लोकसभा और चार राज्यों के सात विधानसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ एक बार फिर आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बीते लोकसभा चुनाव में वह यहां पर सपा नेता अखिलेश यादव से हार गए थे।
रामपुर सीट से घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। लोधी इस साल की शुरुआत में सपा से भाजपा में आए थे। पूर्व एमएलसी लोधी सपा में आजम खां के करीबी माने जाते थे। मालूम हो कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों को सपा नेताओं अखिलेश यादव और आजम खान ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद खाली किया था। पार्टी ने दिल्ली में राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर राजेश भाटिया को टिकट दिया है। यह सीट आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा के राज्यसभा जाने के बाद रिक्त हुई है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को राज्य के टाउन बोरदोवाली विधानसभा सीट से उतारा है। साहा हाल में ही बिप्लब देव की जगह मुख्यमंत्री बने थे। त्रिपुरा में भाजपा ने अगरतला से अशोक सिन्हा, सुरमा (एससी) सीट से स्वप्न दास पॉल और जुबराजनगर सीट से मलिना देबनाथ को टिकट दिया है।
भाजपा ने झारखंड की मांडर (एसटी) विधानसभा सीट से गंगोत्री कुजुर को जबकि आंध्र प्रदेश के अत्मारकुर विधानसभा सीट से गुंडलापल्ली भरत कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा की तीन और विधानसभा की सात सीटों पर 23 जून को उपचुनाव होंगे। तीसरी लोकसभा सीट, पंजाब में संगरूर है, जिसे भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली किया है। हालांकि, भाजपा ने इस सीट के लिए उम्मीदवार तय नहीं किया है।
कोई और अहम जिम्मेदारी भी मिल सकती है नकवी को
राज्यसभा के बाद अब लोकसभा उपचुनाव में भी उम्मीदवारी हासिल न कर पाने के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर संशय बढ़ गया है। नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है, उसके बाद वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। हालांकि, नकवी को संसद में लाने के लिए अभी एक विकल्प और मौजूद है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा की राज्यसभा सीट इसी माह रिक्त होगी। साहा अप्रैल में ही सदस्य बने थे और लगभग पूरा कार्यकाल बाकी है। ऐसे में पार्टी नकवी को त्रिपुरा में राज्यसभा के भावी उपचुनाव के जरिये सदन का सदस्य बना सकती है। हालांकि, वह बिना सदस्य रहे भी छह माह तक मंत्री बने रह सकते हैं। चर्चा यह भी है कि नकवी को कोई और अहम जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।