शराब – गांजा ने बिगाड़ा गांव का माहौल, महिलाओं के अगुवाई में ग्रामीणों ने दी कोचियों को चेतावनी
रायपुर। शराब व गांजा बिक्री की वजह से ग्राम के माहौल बिगड?े व पुलिसिया कार्यवाही के बाद भी हरकतों से बाज न आने वाले कोचियों के खिलाफ आक्रोशित ग्राम नारा के महिलाओं ने मनरेगा का काम समाप्ति के बाद गांव में घूम – घूम कर कोचियों को अपने हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी। करीबन ढाई सौ महिलाओं के अगुवाई में चलाये गये इस अभियान में ग्राम के महिला स्व सहायता समूहों सहित पंचायत प्रतिनिधियों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
ज्ञातव्य हो कि मंदिरहसौद थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस ग्राम में अवैध शराब व गांजा बिक्री की शिकायत काफी अरसे से है। ग्रामीणों की मांग पर पंचायत समय समय पर थाना प्रभारी सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंप इसकी जानकारी भी देता रहा है व थाना अमला द्वारा कार्यवाही भी लगातार किया जा रहा है पर इसके बाद भी इसमें लिप्त असामाजिक तत्व अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे व ग्रामीणों को चुनौती देते हुये इस धंधे में बेखौफ लिप्त हैं। पेट्रोलिंग पार्टी के गश्त का भी इन पर असर नहीं पड़ रहा। इसकी वजह से ग्राम का माहौल दिनोदिन बिगड?े व महिलाओं को शर्मनाक स्थिति से गुजरने से आक्रोशित महिलाओं ने स्वयंस्फूर्त पहल कर एकजुट हो आज घर घर जा कोचियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुये अपने हरकतों से बाज आने कहा।इस अवसर पर इनके साथ समर्थन में ग्राम की महिला स्व सहायता समूहे व पंचायत प्रतिनिधि भी रहे। क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने इनमें लिप्त असामाजिक तत्वों के बुलंद हौसले के लिये शासन की शराब नीति व थाना अमला द्वारा आबकारी अधिनियम की धारा 34 ( 2 ) के तहत कार्यवाही पर अदालतों से इन्हें जमानत की सुविधा मिल जाने व धारा 151के तहत कार्यवाही पर अनुविभागीय दंडाधिकारियो द्वारा रेवड़ी की तरह जमानत बांटने को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा है कि शराब – गांजा व जुआ अपराधों की जननी है और ऐसे अपराधों में जमानत पर उदार रूख अपनाना उचित नहीं है। इधर थाना प्रभारी विरेन्द्र चंद्रा ने अब तक की गई कार्यवाहियों से अवगत कराते हुये आश्वस्त किया है कि लिप्त तत्वों के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगा।