यह पौधे घर में लगाए , हवा को करेंगे शुद्ध

पौधे हमारे अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी होते हैं। जहां पेड़-पौधों की संख्या ज्यादा होती है वहां लोगों का स्वास्थ्य भी उस जगह की तरह हर-भरा रहता है। कारण है शुद्ध और प्रदुषण रहित हवा। लेकिन आसमान छूती इमारतों के बीच इनका वजूद सिमटता जा रहा है। और इसका असर भी हम देख सकते हैं कि कैसे सांस और हार्ट संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए स्टडी में पता लगा है कि प्रदूषण के वजह से चीन और भारत में सबसे ज्यादा मौते होती हैं।

Journal Environmental Research में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार दूनिया में हर पांच में से एक लोग प्रदूषित हवा के वजह से होती है।

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस   के रूप में मनाया जाता है। ताकि पेड़-पौधों के संरक्षण और उनके रोपण के लिए लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित किया जा सके। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे पेड़-पौधों की लिस्ट लेकर आएं हैं जिन्हें लगाकर आप न केवल अपने आसपास की हवा को शुद्ध करेंगे बल्कि जेबे खाली कर देने वाली जानलेवा बीमारी से भी खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।

​नीम-

नीम स्वाद में कड़वा होता है लेकिन यह कई सारी बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। इतना ही नहीं ये वातारण को शुद्ध भी बनाएं रखता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल वाले गुण मौजूद हैं। हाई बीपी की समस्या को कम करने व इससे बचाव करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह अल्सर, दमा, सांस संबंधी बीमारी और डायबिटीज जैसे समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

​तुलसी-

तुलसी का पौधा हिन्दूओं के लिए धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में ज्यादातर घरों में तुलसी का पौधा होता है। इसमें एंटीस्ट्रेस गुण, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण, एंटीमाइक्रोबियल गुण, कार्डियोप्रोटेक्टिव, रेडियोप्रोटेक्टिव जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। यह शरीर में सामान्य लगने वाली खांसी से लेकर कैंसर बन जाने वाली ट्युमर सेल्स से शरीर को बचाता है। इसके अलावा यह कीड़े को भी दूर रखता है। 2009 के एक अध्ययन से पता चला है कि तुलसी का तेल मच्छरों के लार्वा के लिए जहर की तरह होता है।

​जैतून-

जैतून में एक नहीं कई सारी बीमारियों से बचाव करने वाले गुण होते हैं। इसलिए इसे औषधीय गुणों का भंडार भी कहा जाता है। इनमें मुख्य तौर पर हाइड्रोक्सीटायरोसोल (Hydroxytyrosol) नाम का तत्व मौजूद होता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल लेवल के साथ शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली बीमारियों के खतरे को कम करता है। इसमें कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, पार्किंसंस, अल्जाइमर और मोतियाबिंद जैसी बीमारी शामिल हैं।

​हल्दी-

हल्दी के औषधीय गुणों में एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव, हेपटोप्रोटेक्टिव और नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुण मुख्य हैं। जो लिवर, हार्ट और किडनी की सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। इतना ही नहीं इसमें एंटीकैंसर गुण भी मौजूद होते हैं जो प्रोस्ट्रेट, स्तन, और लंग्स कैंसर के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है।

​रोजमेरी-

रोजमेरी में कई प्रकार के औषधीय तेल, फ्लेवोनोइड्स, डाइटरपीन्स, पॉलीफेनोल्स व अन्य कई प्रकार के प्रभावी तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर के दुर्गंध, लिवर डिटॉक्स, जोड़ो के दर्द, पेट संबंधी जैसी परेशानियों में लाभदायक होता है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें पाए जाने वाला रोजमेरिनिक एसिड कैंसर जैसी घातक बीमारी के रोकथाम में मदद कर सकता है।

​लेमन ग्रास-

यह एक प्रकार का घास होता है। इसकी खूशबू लेमन जैसी होती है इसलिए इसे लेमन ग्रास कहा जाता है। इसका उपयोग चाय में अदरक की तरह किया जाता है। इसके कई औषधीय गुण भी हैं। इसमें बैक्टीरिया के संक्रमण, सूजन, फंगस से राहत दिलाने वाले गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें सिट्रोनेला नाम का तत्व पाया जाता है जो मच्छर और कीटों से निजात दिलाने में कारगर होता है। लेमन ग्रास कोलेस्ट्रॉल, किडनी संबंधी बीमारी, कैंसर, मोटापा जैसी परेशानियों में भी लाभदायक होता है।

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