अंकित ने तीसरे चरण में दी कैंसर को मात, लिंफोमा से था संक्रमित
नई दिल्ली।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इस बात में शायद ही किसी को शक हो। हालांकि, देश और दुनिया में ऐसे कई उदाहरण भी हैं जिसमें मरीजों ने समय पर और सही इलाज से इस बीमारी को मात दी है। ऐसे ही लोगों के लिए आज के दिन यानी 5 जून को राष्ट्रीय कैंसर सर्वाइवर्स डे मानाया है।
आज हम बात करेंगे 22 वर्षीय अंकित कुमार की, जिसे गर्दीन में सूजन और सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने अंकित का सफल इलाज किया और आज वह हंसी-खुशी अपना जीवन जी रहा है। आपको बता दें कि अंकित को गर्दन में सूजन और सांस लेने में तकलीफ होने पर नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल लाया गया था। डॉ. शुभम गर्ग (सीनियर कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी) और डॉ. रजत बजाज (सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी) ने मरीज की गहन जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि वह लिंफोमा की एक बहुत ही दुर्लभ किस्म से संक्रमित है। यह इस उम्र के लोगों में देखी जाती है। इसे लिफोमा का ग्रे वर्जन भी कहा जाता है।
प्रारंभ में रोगी के साथ-साथ रोगी का परिवार कीमोथेरेपी से जुड़े डर के कारण इलाज के लिए तैयार नहीं था। चूंकि रोगी कैंसर के तीसरे चरण में था, इसलिए उसे अगले 4 महीनों में कीमोइम्यूनोथेरेपी का उन्नत रूप दिया गया। रोगी ने कम से कम प्रतिकूल प्रभावों का अनुभव किया जिसे डॉ. बजाज और उनकी टीम द्वारा प्रबंधित किया गया था।
कीमोथेरेपी छह सेशन के बाद अंकित अच्छी तरह से ठीक हो गया। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अगर अंकित को समय पर और सही उपचार नहीं मिलता तो उसके लिए भी यह बीमारी जानलेवा ही साबित होती। अंकित के उपचार के तीन साल से अधिक हो चुके हैं। वह अब पूरी तरह से ठीक है और स्वस्थ जीवन जी रहा है। साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ कैंसर पर विजय पाना संभव है।