कानपुर हिंसा: हयात के फोन में 141 व्हाट्सऐप ग्रुप, पल-पल का हो रहा था अपडेट,37 पंप की जांच SIT को सौंपी

कानपुर
 हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के गिरफ्त में आने के बाद उसका मोबाइल कई राज उगल रहा है। मुख्य साजिशकर्ता के मोबाइल में कुल 141 ग्रुप मिले है। तकरीबन इन सभी व्हाट्सऐप ग्रुप में बाजार बंदी औऱ बवाल को लेकर बातचीत की गई है। हिंसा के दिन पल-पल का अपडेट इन ग्रुप के जरिए उस तक पहुंच रहा था। कोई वीडियो तो कोई फोटो के जरिए हिंसा की अपडेट उस तक पहुंचा रहा था।

जौहर फैंस एसोसिएशन ग्रुप में सबसे ज्यादा एक्टिविटी
पुलिस ने इन सभी चीजों को साक्ष्य के तौर पर शामिल किया है। हयात और अन्य सभी आरोपियों के मोबाइल पुलिस के कब्जे में हैं। मुस्लिम संगठनों के व्हाट्सऐप ग्रुप भी हयात के मोबाइल से मिले हैं। बवाल के दिन सुबह से वह लगभग सभी ग्रुपों में सक्रिय था। इस दौरान सबसे अधिक बातचीत और अपडेट एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन कानपुर टीम के नाम के ग्रुप में देखने को मिल रहा था।

कानपुर के डिप्टी पड़ाव के भारत पेट्रोलियम के पंप की CCTV फुटेज में उपद्रव के आरोपी बोतल में पेट्रोल लेते नजर आए हैं। इसके बाद डीएम कानपुर ने इस पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। पंप को भी सील कर दिया गया है। अब सभी 37 पंप की जांच के लिए SIT का गठन भी किया गया है।
पेट्रोल लिया, अब घरों से गायब हैं

अब आपको समझाते हैं कि बोतल में पेट्रोल लेने वाले और CCTV में नजर आने वालों को संदिग्ध क्यों माना गया? दरअसल, 2 जून की CCTV की पड़ताल शुरू होने के बाद डिप्टी पड़ाव पंप पर 4 लड़के बाइक से पहुंचे। उनके हाथ में खाली बोतल थीं। उन्होंने पेट्रोल बाइक की टंकी में नहीं लिया। बोतल में भरवाने के बाद चले गए।

इन लड़कों की खोजबीन शुरू हुई। पुलिस उनकी पहचान कराकर जब घरों तक पहुंची, तो सभी गायब मिले। परिवार के मुताबिक वे लोग 3 जून के बाद घर ही नहीं लौटे। 3 जून को ही शुक्रवार की जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हिंसा हुई थी। इस तरह से साफ हो गया कि बोतलों में लिए गए पेट्रोल का इस्तेमाल बम बनाने के लिए किया गया था।

डीएम नेहा शर्मा ने बांट-माप विभाग को सभी पेट्रोल पंप की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।

आपको बता दें कि कानपुर हिंसा के दौरान करीब 50 धमाके हुए थे। अराजक भीड़ ने पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था।

फोटो-वीडियो साझा करने पर दी जा रही थी शाबाशी
ग्रुप में पहले बाजार बंद को लेकर बातचीत की गई। इसके बाद तमाम अखबार की कटिंग आई। जब घटना वाले दिन बाजार बंद होना शुरू हुआ तो उससे जुड़ा अपडेट भी ग्रुप में आने लगा। फिर बवाल और उसके बाद जब हाशमी को आरोपी बनाया गया तो उसका अपडेट भी ग्रुप में पोस्ट हुआ। हयात ने ग्रुप में खुद भी कई पोस्ट किए और जिन लोगों ने फोटो वीडियो साझा किया उन्हें शाबाशी भी दी।

पत्नी भी कई ग्रुपों में लगातार थी सक्रिय
कई ग्रुप में हयात की पत्नी भी सक्रिय थी। बंदी से लेकर बवाल तक की तमाम वीडियो फोटो को उसने भी साझा किया। कई मैसेज डाले। पुलिस के मुताबिक कई ग्रुपों में हयात की पत्नी खुद भी एडमिन है। पुलिस एक-एक ग्रुप और एक-एक मैसेज की जांच में जुटी हुई है। पूरे तथ्यों को खंगाला जा रहा है और सभी की जांच की जा रही है।

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