औद्योगिक विकास के लिए वित्तमंत्री चीमा ने खोला पिटारा, कुछ मुद्दों पर साधी चुप्पी
चंडीगढ़
पंजाब के साल 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अपना पिटारा खोला, लेकिन उन्हाेंने कुछ मुद्दों पर चुप्पी साध ली। मुख्यमंत्री ने वैट रिफंड के ज्वलंत मुद्दों पर आश्वासन दिया कि छह माह के अंदर वैट रिफंड के सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। सरकार उद्योगों को बिजली सब्सिडी जारी रखेगी और इसके लिए 2503 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, लेकिन पांच रुपये प्रति यूनिट की बिजली पर वित्त मंत्री चुप्पी साध गए। चुनाव से पहले और प्री बजट सुझाव पर अमल करते हुए सरकार उद्योगपतियों और कारोबारियों का एक विशेष आयोग स्थापित करेगी। यह आयोग निर्णय लेने और नीति निर्माण में सहयोग करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य नीतियों का निर्माण करने के साथ रोजगार सृजन करना और पंजाब में औद्योगिक विकास को गति देने में सहायता प्रदान करना होगा।
वित्त मंत्री ने पंजाब के उद्योगपतियों और व्यापारियों को आश्वासन दिया कि सरकार जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और कथित इंस्पेक्टर राज को खत्म कर भय का माहौल समाप्त करने के लिए काम कर रही है। व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा। सरकार जल्द ही राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक प्रगतिशील नई औद्योगिक नीति भी लाएगी। चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार ने मोहाली, लुधियाना और राजपुरा में औद्योगिक केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोहाली में 490 एकड़ जमीन का अधिग्रहण अंतिम चरण में हैं। लुधियाना के कूमकलां में 950 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है, जिसमें टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा राजपुरा में 1100 एकड़ जमीन एकीकृत मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर भी स्थापित किया जा रहा है। विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत पात्र और योग्य औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृत पूंजीगत सब्सिडी के वितरण के लिए 100 करोड़ रुपये देगी। वित्तमंत्री चीमा ने पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए इको सिस्टम स्थापित करने का फैसला लिया है, जिसके लिए सरकार ने 3,163 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। उद्योगपतियों की फोकल प्वाइंट को मजबूत करने की लंबे समय से मांग रही है। उद्यमियों और व्यापारियों के प्री बजट सुझाव को ध्यान में रखते हुए फोकल प्वाइंट की स्थापना और सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में रखा है। पंजाब स्टेट इइंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (पीएसआईडीसी) और पंजाब फाइनेंशियल कारपोरेशन (पीएफसी) मजबूत करने के लिए सरकार उसकी ऋण देनदारियां चुकाने के लिए 250 करोड़ रुपये की मदद करेगी।
उपयोग न होने वाली औद्योगिक जमीन होगी वापस
वित्त मंत्री चीमा ने स्पष्ट किया कि उद्योग लगाने के लिए सस्ती जमीन लेने के बावजूद समय पर उद्योग न लगाने वालों की जमीन सरकार वापस लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अविकसित औद्योगिक संपदाओं और फोकल प्वाइंटस में अब तक उपयोग न की गई जमीन वापस लेकर नए उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को प्रतिस्पर्धी रेट पर औद्योगिक जमीन मुहैया करवाएगी। उन्होेंने कहा कि कई लोग औद्योगिक जमीन दबाकर बैठे हैं और नियमानुसार तय समय सीमा के अंदर उद्योग नहीं लगा रहे। सरकार एेसा नहीं होने देगी।
एसएएस नगर में बनेगी फिनटेक सिटी
वित्तमंत्री ने कहा कि आइटी क्षेत्र में फिनटेक की आपार संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने एसएएस नगर में फिनटेक सिटी स्थापित करने का फैसला किया है। इसमें फिनटेक, ब्लाकचेन तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार हर संभव सुविधाएं मुहैया करवाएगी।