बुजुर्ग ने बेटे से छीना अंतिम संस्कार का हक,सरकार के नाम की अपनी डेढ़ करोड़ की संपत्ति

मुजफ्फरनगर
इंटरनेट के इस दौर में जीवन जीने के मायने भी बदल गए है. कभी संयुक्त परिवार का दौर था जो अब धीरे-धीरे एकल परिवार के चलन में तब्दील हो गया है. घर के बुजुर्ग, जिन्हें कभी परिवार का पिलर कहा जाता था उन्हें अब बोझ समझा जाने लगा है. जिन वृद्धाश्रमों की संख्या कभी गिनी-चुनी होती थी आज उनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.  बुजुर्गों पर अपने ही परिवार में दुर्व्यवहार के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सामने आया है जहां 80 साल के बुजुर्ग ने बेटे और बहू से परेशान होकर अपनी संपत्ति राज्यपाल को दान कर दी.

बेटे और बहू से हैं दुखी

80 साल के नाथू सिंह पेशे से किसान हैं लेकिन अपने बेटे और बहू की हरकतों से बेहद दुखी हैं. नाथू सिंह का कहना है कि बेटा और बहू उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, जिससे खफा होकर उन्होंने अपनी  करीब 1.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति राज्य के राज्यपाल को दान कर दी है. नाथू सिंह इस कदर अपने बेटे से नाराज हैं कि वह नहीं चाहते कि बेटा और बहू उनकी संपत्ति के वारिस हों.

दायर किया हलफनामा

मुजफ्फरनगर के बिरल गांव के रहने वाले नाथू सिंह फिलहाल एक वृद्धाश्रम में रह रहे हैं हैं. एक बेटे के अलावा उनकी तीन बेटियां भी हैं. उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके बच्चों में से कोई भी उनकी संपत्ति का वारिस हो. नाथू सिंह कहते हैं, 'शनिवार को मैंने संपत्ति को यूपी के राज्यपाल को सौंपने के लिए एक हलफनामा दायर किया था जिसमें अनुरोध किया गया था कि मेरी मौत के बाद सरकार जमीन पर एक स्कूल या अस्पताल खोले.'

परिवार ना करे अंतिम संस्कार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुजुर्ग नाथू सिंह ने कहा, 'उम्र के इस पड़ाव पर मुझे अपने बेटे और बहू के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। यही कारण है कि मैंने संपत्ति को राज्यपाल को ट्रांसफर करने का मन बना लिया। ताकि इसका सही इस्तेमाल किया जा सके।' वृद्धाश्रम की प्रभारी रेखा सिंह ने बताया, 'नाथू सिंह अड़े हुए थे और उन्होंने अपनी संपत्ति देने के लिए शनिवार को एक हलफनामा दायर किया.' नाथू सिंह नहीं चाहते हैं कि परिवार के सदस्य उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हों.

इस बीच, बुढाना तहसील के सब-रजिस्ट्रार पंकज जैन ने कहा, 'बुजुर्ग व्यक्ति का अनुरोध दर्ज किया गया है। उन्होंने हलफनामे में अपनी करीब 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है जिसमें आवासीय घर, अपनी 10 बीघा खेती की जमीन और अचल संपत्ति शामिल है। यह उनके निधन के बाद लागू होगा।'

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