मध्यप्रदेश में खाद की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक बनाने पर अब होगी कार्रवाई, पुलिस के साथ होगी जांच

भोपाल
खरीफ फसलों की बोवनी का समय पास आते ही खाद की मांग भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में, खाद की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक निर्माण की आशंका रहती है। इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन पुलिस के सहयोग से कार्रवाई करेगा। एक जिले से दूसरे जिले में होने वाले खाद के परिवहन पर भी नजर रखी जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को खाद उपलब्धता और वितरण की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए कमिश्नर व कलेक्टर को दिए।

इस दौरान प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मालवा क्षेत्र में खाद के अतिरिक्त तीन रैक उपलब्ध कराने की मांग की। इस पर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए, साथ ही यह भी कहा कि खाद प्राप्त करने में किसानों को परेशानी न आए, इसलिए गोदाम स्तर पर अतिरिक्त बिक्री काउंटर खोले जाएं।

मंत्री संभालेंगे व्यवस्थाओं की कमान
मध्य प्रदेश में वर्ष 2024 में एनपीके का उपयोग 45 प्रतिशत हुआ, जो वर्ष 2023-24 में 26 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे प्रभार के जिलों में खाद और बीज वितरण व्यवस्था को देखें। बैठक कर समीक्षा करें और जो भी आवश्यक कदम हों, वो उठाएं। बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने वर्चुअल भाग लिया। जबकि, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय समत्व में उपस्थित रहे।

भिंड, दतिया सहित सात जिलों में नहीं होगा सोयाबीन का उर्पाजन
प्रदेश में सात जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली में सोयाबीन का उपार्जन नहीं होगा। इन जिलों से उपार्जन का फिलहाल प्रस्ताव नहीं है।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि संवेदनशीलता के साथ उपार्जन का काम करवाएं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त जो भी सोयाबीन आएगा, उसे प्रदेश सरकार खरीदेगी। 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक 1400 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर उपज खरीदी जाएगी। किसानों को भुगतान आनलाइन ही किया जाएगा।

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