सोनकच्छ तहसीलदार मनीष जैन और उनके कार्यालय के बाबू जय सिंह को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा

देवास
सोनकच्छ तहसीलदार मनीष जैन और उनके कार्यालय के बाबू जय सिंह को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह कार्रवाई उज्जैन लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार शाम तहसील कार्यालय में की। तहसीलदार और बाबू प्लॉट नामांतरण के बदले सात हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे। शिकायत कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रवींद्र दांगिया ने दर्ज कराई थी। दांगिया ने लोकायुक्त को बताया कि सोनकच्छ के पास ग्राम सांवेर स्थित एक प्लॉट के नामांतरण के लिए तहसीलदार के अधीनस्थ स्टाफ द्वारा सात हजार रुपये रिश्वत मांगी गई थी। लोकायुक्त ने शिकायत को सत्यापित करने के बाद कार्रवाई की योजना बनाई।

पहले बाबू ने ली थी रिश्वत
शुक्रवार को तहसीलदार जैन खाद वितरण व्यवस्था का निरीक्षण करने वेयर हाउस गए थे। वापस आने पर फरियादी दांगिया ने बाबू जय सिंह को सात हजार रुपये दिए। बाबू ने यह राशि तहसीलदार को सौंपी, जिसके तुरंत बाद लोकायुक्त टीम ने दोनों को पकड़ लिया। बाबू जय सिंह तहसील कार्यालय में अटैच प्राथमिक शिक्षक है।

तहसीलदार पर कार्रवाई
लोकायुक्त ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि रिश्वत की मांग तहसीलदार के निर्देश पर की गई थी। लोकायुक्त टीम ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

ऑडिट अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
सहकारिता विभाग के ऑडिट अधिकारी रमेश प्रसाद कोरी को लोकायुक्त सागर की टीम ने शुक्रवार शाम रंगे हाथों 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह रिश्वत सेवा सहकारी समिति खिरिया मंडला के ऑडिट में किसी प्रकार की कमी नहीं निकालने के बदले मांगी गई थी। लोकायुक्त सागर में समिति के प्रबंधक जीवनलाल पटेल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ऑडिट अधिकारी ने उनसे रिश्वत की मांग की है। जांच के बाद लोकायुक्त की टीम ने दमोह सहकारिता कार्यालय में यह कार्रवाई की। कार्यवाही के दौरान 15 हजार रुपये लेते हुए अधिकारी को पकड़ा गया।

Back to top button