तमिलनाडु के मंदिरों से चोरी हुई 10 मूर्तियों को केंद्र ने राज्य को सौंपा, US-ऑस्ट्रेलिया से वापस लाई गई हैं

चेन्नई
तमिलनाडु के मंदिरों से चोरी की गई 10 मूर्तियों को केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार को वापस सौंप दिया है। ये मूर्तियां 1960 से 2008 के बीच अलग-अलग जगहों से चोरी की गई थी। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को ये मूर्तियां अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने 2020, 2021, 2022 में सौंपी थी।। इन मूर्तियों को तमिलनाडु के डीजीपी सी शैलेंद्र बाबू को एक कार्यक्रम के दौरान सौंपा गया।

जो मूर्तियां वापस की गई हैं उसमे द्वारपाल की दो मूर्ति है जोकि 15-16वीं शताब्दी की है, इसे 1994 में तिरुनेलवली से चुराया गया था। दोनों ही मूर्तियों को ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2020 में सौंपा था। इसके अलावा दो धातु की मुर्तियां नरसिंघधर स्वामी मंदिर से 1985 में चोरी हुई थी, इसे अमेरिका ने भारत को सौंपा है। एक कांसे की मूर्ति जोकि भगवान नटराज की है, यह 11-12वीं शताब्दी की मूर्ति है, इसे पुन्नैनल्लूर अरुलमिगु मरियमन मंदिर से 1966-77 में चोरी किया गया था। यह न्यूयॉर्क के म्युजियम में रखी थी। इसके अलावा कांसे की एक और भगवान शिव व पार्वती की मूर्ति वनमिगंधार स्वामी मंदिर से चोरी हुई थी, यह मूर्ति इंडियाना से मिली है।

इन तमाम मूर्तियों को एएसआई ने वापस भारत लाने में सफलता हासिल की है। चार हाथों वाली विष्णु और श्री देवी की मूर्ति को भी एएसआई वापस लाने में सफल हुई है। धातु की दो मूर्तिया संत संबदर के बचपन की है, जिसे सयवनीश्वरार मंदिर से चुरा लिया गया था, उसे ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने वापस किया है। कुल मिलाकर 8 धातु की मूर्तियां और 2 पत्थरकी मूर्तिया वापस भारत आई। जिसमे से 6 मूर्तियों को अमेरिका से और 4 को ऑस्ट्रेलिया से वापस लाया गया है। मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इसका श्रेय पीएम मोदी को जाता है। मोदी सरकार भारत से चोरी हुई 238 मूर्तियों को वापस लाने में सफल हुई है। पीएम मोदी की वैश्विक नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध के चलते ये संभव हो सका है।

 

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