ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर शोध कार्य बढ़ाया जाएगा

( अमिताभ पाण्डेय )
भोपाल । ( अपनी खबर )

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान संस्थान की शासी निकाय की नवनियुक्त अध्यक्ष प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने कहा है कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य को बढ़ाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों, वनस्पतियों के बारे में अधिक जानकारी के  लिए शोध कार्यों का विस्तार किया जाएगा।प्रोफेसर कुमार ने उक्त आशय के विचार आज  हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए।  इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और आगामी कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि (Covid 19) महामारी के दौरान जहां पूरा देश जूझ रहा था वहीं इस संस्थान में शोध संगोष्ठियों की गतिविधियां  (Virtual) वर्चुअल जारी रही। प्रोफेसर शशिप्रभा  ने  कहा कि संस्थान में मानविकी एवं सामाजिक विषयों पर अध्ययनरत कुछ अध्येताओं ने संस्थान परिसर में उपजी विभिन्न वनस्पतियों पर शोध कार्य करने की अपनी रूचि दिखाई है ।

 ऐसे  शोध कार्य को बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि  वर्तमान वैश्विक जलवायु संकट में हमें परिवर्तन, संरक्षण, प्रबंधन और दुर्लभ संसाधनों के उपयोग जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।  इसके साथ ही ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर भी शोध कार्य किया जाना चाहिए । संस्थान में पहले भी इस बारे में जो शोध  कार्य हुए हैं , अब उनको बढ़ाया जाएगा ।  आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान  संस्थान के कार्यवाहक सचिव  प्रेम चन्द तथा संस्थान के जन-सम्पर्क अधिकारी अखिलेश पाठक सहित अन्य अधिकारी ,  कर्मचारी भी  उपस्थित थे।

Back to top button