लोगों में हिन्दू का भाव पैदा करने अभियान चलाएगा संघ

भोपाल
प्रदेश में बढ़ती जातीय संघर्ष की स्थिति को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता आगामी दिनों में योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगे। संघ ने पाया है कि मौजूदा दौर में जातियों के बीच संघर्ष खड़ा करने का प्रयास होता है और इसका उचित समाधान सिर्फ हिन्दू भाव है। आने वाले दिनों में जीवन मूल्यों के आधार पर सुख ओर शान्ति का मार्ग हिन्दू धर्म से ही मिलने वाला है। इसलिए इस भाव को लेकर कार्यकर्ता गांवों में जाएंगे और ऐसे लोगों में हिन्दुत्व की भावना बढ़ाएंगे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने के पहले गांवों की दशा सुधार को लेकर संघ की कार्यकारिणी में लिए गए फैसले पर अमल के लिए प्रदेश के तीनों प्रांतों में संघ की शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। संघ ने इसके लिए स्वयंसेवकों के साथ हिन्दू समाज के आचरण पर जोर दिया है। इसके लिए संघ के कार्यकर्ता भेद रहित, शोषण मुक्त, समता युक्त, व्यसन मुक्त, विवाद मुक्त अपना गांव बने जागृत की भावना पर जोर देकर गांवों में गतिविधियां तेज करेंगे। इशके साथ ही संगठित रहने, निर्दोष समाज बनाने, धरती की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले रसायनों के उपयोग को बढ़ावा देने का काम भी गांवों में पहुंचकर किया जाएगा।
संघ की पिछले दिनों मध्य भारत प्रांत को ब्यावरा में हुई बैठक में भी इस पर संघ पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे और उसे अमलीजामा पहनाने के लिए संघ के कार्यक्रमों में इसके लिए जोर देने को कहा। यहां हुए मंथन में कुटुम्ब व्यवस्था, स्वाबलम्बी, स्वाभिमानी भावों के साथ अच्छे सामूहिक संस्कारों की सीख देने के लिए भी कहा गया। संघ की कार्ययोजना के अनुसार गौ की रक्षा के लिए गौशाला या अन्य व्यवस्था से ज्यादा महत्वपूर्ण के गाय को लेकर संवेदना से भरा हुआ समाज, गाय को देखने की हमारी दृष्टि में बदलाव के लिए कहा गया और इससे ही गौमाता की सुरक्षा और संवर्धन होना तय है। संघ की प्राथमिकताओं में लव जेहाद जैसे षड़यंत्रों से बहनों को बचाने का अभियान भी रहेगा ताकि लोग दूर से खड़े होकर देखने वाले या संघ के समर्थक न बने बल्कि अपने दैनिक समय में से 1 या 2 घण्टे का समय संघ के कामों के लिए दें।
संघ पदाधिकारियों की बैठक में यह भी कहा गया है कि संघ शिक्षा वर्ग सम्पूर्ण देश मे आयोजित होते हैं जिसमे स्वयंसेवक अपना समय देकर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। संघ किसी विरोध या प्रतिक्रिया के लिए नहीं बल्कि सकारात्मक एवम विधायी कार्य को लेकर चल रहा है। इस कार्यक्रम में 726 गांवों के स्वयंसेवक उपस्थित हुए और संघ के स्वप्निल कुलकर्णी समेत अन्य पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया।



