पंचायत चुनाव: एमपी की गुजर्रा खुर्द सीट पर नहीं चुना जा सकेगा सरपंच, वजह जान हैरान होंगे आप
निवाड़ी/टीकमगढ़
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल भले ही बज चुका हो, लेकिन तैयारी अभी पूरी नहीं लग रही. इसकी वजह से सरकारी अधिकारियों के फैसले. ये अधिकारी कुछ न कुछ ऐसा जरूर करते हैं, जिससे फैसले भी बदलने पड़ते हैं और मामला हास्यास्पद हो जाता है. इसका ताजा उदाहरण है प्रदेश का निवाड़ी जिला. यहां पंचायत चुनाव को लेकर या तो सरकार को फैसला बदलना पड़ेगा या चुनाव ही नहीं होगा. दरअसल, इस जिले की ग्राम पंचायत गुजर्रा खुर्द में जिस वर्ग के लिए सरपंच का पद आरक्षित किया गया है उस वर्ग का एक भी वोटर यहां नहीं है.
गौरतलब है कि निवाड़ी जिले की ग्राम पंचायत गुजर्रा खुर्द में सरपंच पद पर नामांकन ही नहीं हुआ. अब सरकार को इस ग्राम पंचायत के लिए आरक्षण की प्रक्रिया दोबारा करनी होगी, ताकि चुनाव हो सके. यहां की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई है, लेकिन पूरी ग्राम पंचायत में इस वर्ग का एक भी शख्स नहीं रहता, यानी इस वर्ग का कोई वोटर यहां नहीं है. ऐसी स्थिति में किसी भी शख्स ने यहां सरपंच पद के लिए नामांकन नहीं भरा. अधिकारी भी अब दबी जबान में कह रहे हैं कि ये बड़ी गलती है. इससे ग्राम पंचायत के विकास पर असर पड़ सकता है.
अधिकारियों ने कहा ये मसला गंभीर है. सरकार को इसे देखना होगा. क्योंकि यहां अनुसूचित जनजाति की संख्या शून्य है. जब इस वर्ग का कोई शख्स यहां रहती ही नहीं तो नामांकन कैसे दाखिल होगा. आरक्षण के वक्त अधिकारियों से बड़ी गलती हो गई है. उन्होंने यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दी. गांव में रहने वाले लोग बताते हैं कि यहां अनुसूचित जनजाति का कोई शख्स न होने की वजह से सरपंच का चुनाव नहीं होगा. लोगों ने कहा जब सरपंच नहीं होगा तो इसका सीधा असर गांव के विकास पर होगा.
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सरपंच न होने की स्थिति में विकास के काम जनपद कराएगी. बता दें, अब जब तक खुजर्रा खुर्द ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव नहीं होता, तब तक पंचायत का काम प्रशासनिक अधिकारी करेंगे. चुनाव की आचार संहिता तक कलेक्टर और पंचायत सचिव द्वारा नियुक्त एक अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से पंचायत में विकास के काम होंगे.