जो पार्टी के विरुद्ध वो अनुशासनहीन, नाम वापसी या निष्कासन

भोपाल
प्रदेश भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले और संगठन के निर्देश के बाद भी नामांकन वापस न लेने वाले कार्यकर्ताओं की सूची जिला अध्यक्षों से मांगी है। संगठन ने साफ कर दिया है कि जो कार्यकर्ता पार्टी के निर्देश के विरुद्ध काम करेगा, वह स्वयमेव छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित माना जाएगा।
बीजेपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध नामांकन दाखिल किया है। ऐसे कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश के बाद भी अब तक नाम वापस नहीं लिए हैं। इसे देखते हुए नामांकन वापसी के एक दिन पहले बीजेपी ने सभी जिला अध्यक्षों से कहा है कि जो पार्टी के विरुद्ध रहेगा, वह अनुशासनहीनता के दायरे में आएगा और स्वयमेव निष्कासित माना जाएगा। प्रदेश संगठन ने ऐसे कार्यकर्ताओं के पद व मोबाइल नम्बर के साथ सूची भी जिला अध्यक्षों से तलब की है।
दूसरी ओर प्रदेश संगठन के निर्देश पर सभी नगरीय निकायों में जिला व संभागीय समितियों, कोर कमेटियों के सदस्यों, संगठन पदाधिकारियों की टीम ने मोबाइल संपर्क और व्यक्तिगत मुलाकात के जरिये बुधवार सुबह तक घोषित प्रत्याशियों के विरुद्ध नामांकन डालने वालों को समझाईश देने का काम किया। सभी जिलों नेताओं, कार्यकर्ताओं ने नामांकन वापस भी लिए हैं।
नाम वापसी के बाद भी रहेगी सेबोटेज रोकने की जिम्मेदारी
नामांकन वापसी के बाद अब पार्टी नेताओं के समक्ष प्रत्याशी के विरुद्ध पार्टी कार्यकर्ताओं का सेबोटेज रोकने की जिम्मेदारी है। सूत्रों का कहना है कि संगठन के वरिष्ठ नेता प्रत्याशियों को यह समझाईश दे रहे हैं कि नामांकन वापस लेने वालों से संवाद रखें और उन्हें सम्मान देते रहें। दूसरी ओर टिकट से वंचित होने के बाद नाम वापस लेने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी हित में प्रचार करने और कांग्रेस को कमजोर करने के लिए काम करने की समझाईश भी दी जाएगी ताकि सेबोटेज की स्थिति को रोका जा सके।
समन्वय बना रहे, न माने तो कार्रवाई: वीडी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव में बगावत कर नामांकन दाखिल करने वालों से पार्टी के पदाधिकारी समन्वय स्थापित कर उन्हें मनाने में जुटे हैं। जो लोग नहीं मानेंगे उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। समन्वय में सफलता भी मिली है, इसलिए नाम वापसी के पहले बहुत से नाम वापस होंगे। उन्होंने प्रदेश कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि एनडीए ने देश हित में कल बड़ा फैसला लिया है और पार्षद से राष्ट्रपति पद तक के सफर पर पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पहुंचाने का निर्णय हुआ है। यह काम भाजपा जैसे दल में ही हो सकता है। उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ को महाराष्ट्र का विवाद शांत कराने के लिए भेजने के मामले में कहा कि जो कमलनाथ एमपी के विधायकों को अपनी बात नहीं मनवा सके, महाराष्ट्र के विधायक उनकी क्या बात सुनेंगे। यह साफ है।