तेंदुआ शावक की इलाज के दौरान हुई मौत, केनाइन डिस्टेंपर बीमारी से पीड़ित था शावक

शनिवार को मझोली ,इन्द्राना बनखेड़ी गॉंव से किया गया था रेस्क्यू
जबलपुर
जिले के इन्द्राना क्षेत्र के ग्राम बनखेड़ी में बीते शनिवार को मिले घायल तेन्दुआ शावक की सोमवार को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इलाज के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि शावक केनाइन डिस्टेंपर नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित था।
तेन्दुए के शावक का रेस्क्यू कर स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फॉरेन्सिक एण्ड हेल्थ साइंस में इलाज किया जा रहा था। वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. के.पी. सिंह, डॉ. देवेन्द्र पोधाड़े एवं डॉ. अमोल रोकड़े की टीम द्वारा तेन्दुए का प्रारंभिक परीक्षण करने पर पाया गया कि शावक एग्रेशन एवं स्ट्रेस में था। साथ ही शावक के ऊपरी जबड़े का एक कार्निसल दांत टूटा हुआ तथा उसकी जीभ कटी पाई गई थी, जिसका उपचार किया जा रहा था।
वनमंडलाधिकारी अखिल बंसल ने बताया कि शावक के विस्तृत इलाज किये जाने पर ज्ञात हुआ कि वन्यप्राणी केनाइन डिस्टेंपर बीमारी से ग्रसित था, जिसके कारण इलाज के दौरान आज सोमवार को प्रात: लगभग 11 बजे शावक की मृत्यु हो गई। वन्यप्राणी विशेषज्ञों द्वारा चेताया गया है कि इस बीमारी का संक्रमण जिले के अन्य पालतू पशुओं में भी प्रसारित हो सकता है। बीमारी के संक्रमण अन्य पालतू पशुओं में प्रसारित न हो एवं पशुओं में संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर तत्काल उनका समुचित उपचार कराये जाने के साथ ही ग्राम बनखेड़ी, इन्द्राना तथा समीपस्थ क्षेत्रों में पालतू पशुओं का प्रीवेन्टेटिव वैक्सीनेशन कराये जाने के संबंध में पशु पालन विभाग को निर्देशित करने हेतु कलेक्टर से आग्रह किया गया है। साथ ही वनमण्डल के समस्त उपवनमण्डलाधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारियों का भी बीमारी की रोकथाम हेतु पशु पालन विभाग से संपर्क स्थापित कर समुचित उपाय करने हेतु निर्देशित किया गया है। भले ही हम उक्त शावक के जीवन को नहीं बचा सके परंतु जिस प्रकार से स्कूल ऑफ वाईल्ड लाईफ फॉरेन्सिक एण्ड हेल्थ साइंस, (NDVSU) जबलपुर एवं वन विभाग की टीम ने मृत शावक के रेस्क्यू कार्य में तत्परता से कार्य किया है, वह सराहनीय है।