Jee Advanced क्रैक करने की बात परिवार से छिपाई, IIT को ठुकरा चुनी ऐसी राह कि अब घरवाले कर रहे गर्व

नई दिल्ली
आईआईटी में दाखिला पाना इस देश के लाखों बच्चों का सपना होता है। कई स्टूडेंट्स तो इस ख्वाब को पूरा करने के लिए दोबारा एंट्रेंस एग्जाम में बैठते हैं। लेकिन राजस्थान में अलवर जिले के जाजोर बास गांव के रहने वाले गौरव यादव इन छात्रों से हटकर हैं। सेना में जाकर देश सेवा करने के लिए उन्होंने आईआईटी को ठुकरा दिया। उन्होंने एनडीए में जाने के लिए अपने परिवार से आईआईटी प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड ( JEE Advanced Exam ) पास करने की बात छिपाई। लेकिन गौरव के इसी झूठ ने उन्हें एनडीए में गोल्ड मेडल दिया। नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़गवासला, पुणे में एनडीए 143वें कोर्स में उन्हें कुछ दिन पहले प्रतिष्ठित प्रेजिडेंट गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
किसान के बेटे गौरव का एनडीए में चयन तीसरे प्रयास में हुआ। पहले दो प्रयासों में उन्होंने यूपीएससी की एनडीए लिखित परीक्षा तो पास कर ली लेकिन दोनों बार एसएसबी इंटरव्यू क्लियर नहीं हो पाया। लगातार दो असफलताएं उनके हौंसले को पस्त नहीं कर सकीं और तीसरे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक पिछले सप्ताह हुई एनडीए की पासिंग आउट परेड में उन्होंने कहा, 'मैं अपने कमरे की दीवार के आगे खड़ा होता था और मान लिया करता था कि मेरे सामने एसएसबी इंटरव्यू पैनल बैठा है। मैं उनके सवालों का जवाब देता था।'
गौरव के भाई विनीत पहले से आर्मी में है। उन्होंने कहा, 'गौरव के करियर को लेकर परिवार में काफी टेंशन थी। जब मैंने गौरव से उसके आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम रिजल्ट का स्टेटस पूछा तो उसने कहा कि क्लियर नहीं हो सका। मैंने उसकी बात मान ली। लेकिन जब उसका चयन एनडीए में हो गया, तब उसने बताया कि उसका आईआईटी एंट्रेंस भी क्रैक हो गया था। गौरव ने एनडीए में गोल्ड मेडल जीतकर खुद को सही साबित कर दिया। हमें उस पर गर्व है। खुशी है कि उसके करियर की शुरुआत इन शानदार पलों और उपलब्धियों से हो रही है।'
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तीसरे प्रयास में एनडीए में चयनित होकर उन्होंने एकेडमिक और मिलिस्ट्री ट्रेनिंग, सभी मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन कर प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल जीता। गौरव ने कहा, 'जब एकेडमी मैंने जॉइन की थी तब मैंने इसके बारे में नहीं सोचा था। शुरुआत में मुझे ट्रेनिंग शेड्यूल के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किल हुई। मुझमें मिलिट्री ट्रेनिंग को लेकर आत्मविश्वास की कमी थी। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और खुद को प्रेरणा देता रहा।'
यादव ने रेवाड़ी के केरल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की। 10वीं में ए प्लस ग्रेड और 12वीं में 96 फीसदी मार्क्स हासिल किए। पासिंग आउट परेड का नेतृत्व करते देख उनके माता-पिता बलवंत और कमलेश यादव बेहद खुश थे। उन्होंने कहा, 'गौरव शुरू से ही स्पोर्ट्स में आगे था। काफी एथेलेटिक था। हमे उसकी सफलता की पूरी उम्मीद थी। उसे परेड का नेतृत्व करते देख रौंगटे खड़े हो गए।'