लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर सुधारने के कुछ खास टिप्स

आज के समय में हर किसी को कभी न कभी कर्ज लेने की जरूरत पड़ सकती है. नया घर लेना हो, बेटी की शादी करनी हो या फिर बच्चों को उच्च शिक्षा देनी हो…इन कामों के लिए आमतौर पर लोग लोन के लिए बैंक से संपर्क करते हैं. लेकिन लोन की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर अहम रोल अदा करता है. ये अच्छा होता है, तो झट से लोन अप्रूव हो जाता है और इसके खराब होने पर कर्ज मिलना मुश्किल हो जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो फिर कुछ टिप्स अपनाकर आप इसे सुधार सकते हैं.
सिबिल स्कोर की अहमियत समझें
CIBIL Score की लोन में अहमियत को समझना बेहद आसान…साफ शब्दों में कहें तो आपका सिबिल जितना ज्यादा होगा, उतनी ही आसानी से बैंक आपको कर्ज दे देगा. इस स्कोर के जरिए दरअसल बैंक ये पता लगाते हैं कि आप कर्ज चुकाने में सक्षम हैं और इसे लौटाने में लेट-लतीफी नहीं करेंगे. यानी यह आपको कर्ज देने के लिए बैंकों को भरोसा दिलाने वाला फैक्टर होता है. आमतौर पर बैंकों की ओर से तय किए गए मानकों को देखें तो 700 से ऊपर सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है. आइए जानते हैं अगर आपका सिबिल कम है तो कैसे इसे ठीक करें.
समय पर करें EMI-बकाये का भुगतान
आपने पहले से कोई लोन , जैसे होम लोन , पर्सनल लोन या ऑटो लोनले रखा है. चाहे वो क्रेडिट कार्ड के जरिए ही क्यों न लिया गया हो. इसका भुगतान समय पर करना आपके सिबिल स्कोर को बिगड़ने नहीं देगा. इसलिए अपने सिबिल को दुरुस्त रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि लोन की ईएमआई का पेमेंट लेट न करें और तय समय पर इसे भर दें.
क्रेडिट कार्ड का सावधानी से इस्तेमाल करें
आज के समय में क्रेडिट कार्ड भी लोगों के लिए अपनी जरूरतें पूरी करने का बड़ा साधन बनता जा रहा है. हालांकि, इसके कुछ साइडइफेक्ट भी हैं. Cibil Score के मुद्दे पर इसकी बात करें तो आपको अपनी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल बेहद सावधानी से करना चाहिए. बैंक द्वारा दी गई क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग न करें, बल्कि बहुत बड़ी जरूरत न हो तो इस लिमिट के 30-40 फीसदी का इस्तेमाल करें.
पुराना कर्ज चुकाने के बाद करें अप्लाई
अक्सर देखा जाता है कि लोग एक साथ कई Loan ले लेते हैं और फिर उनकी पेमेंट में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन ऐसा करना आपकी वित्तीय सेहत के साथ-साथ आपके सिबिल स्कोर के लिए भी हानिकारक साबित होती है. ऐसे में कोशिश करें कि अगर कोई नया लोन लेना चाहते हैं, तो फिर पहले पुराने सभी कर्ज चुकाने के बाद अप्लाई करें. इससे आपकी इनकम में कर्ज का हिस्सा घटेगा और आपके लिए नया लोन लेने का रास्ता आसान हो जाएगा.
कर्ज उतना लें, जितना आसानी से चुका पाएं
एक और बात का ध्यान रखें कि अपनी क्रेडिट रेटिंग सुधारने के लिए आप किसी Bank या वित्तीय संस्थान से उतना ही कर्ज लें, जितना आसानी से चुका पाएं. क्योंकि ज्यादा कर्ज लेने पर ईएमआई (EMI) अधिक होगी और अगर आप इसके भुगतान में कोई कोताही बरतते हैं, तो फिर इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर होगा. सिबिल स्कोर खराब होगा तो नए लोन में दिक्कत पेश आएगी.