सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से किसानों की ऊर्जा आवश्यकताएं होगी पूरी: मंत्री शुक्ला

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से किसानों की ऊर्जा आवश्यकताएं होगी पूरी: मंत्री  शुक्ला

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट10 जून को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित होगी

 सूर्य-मित्र कृषि फीडर योजना के प्रमुख उद्देश्य म.प्र. पॉवर मैनेज़मेंट कंपनी लिमिटेड को कम दर पर विद्युत उपलब्ध कराना : मंत्री  शुक्ला

भोपाल

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री  राकेश शुक्ला ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि इस दिशा में कुसुम "सी" योजना से अधिक से अधिक जोड़ने और उन्हें लाभान्वित करने के लिये "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट" 10 जून को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित होगी। उन्होंने बताया है कि ‘’सूर्य-मित्र कृषि फीडर योजना” के प्रमुख उद्देश्य म.प्र. पॉवर मैनेज़मेंट कंपनी लिमिटेड को कम दर पर विद्युत उपलब्ध कराना है। कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं, मुख्य रूप से सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, उनके करीब सौर ऊर्जा का उत्पादन कर, आय के अवसर उपलब्ध करवाते हुए, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना लागू की गयी है।

समिट के मुख्य आकर्षण

समिट में योजनांतर्गत सौर संयंत्रों की स्थापना के लिये जारी की जाने वाली निविदा की जानकारी दी जाएगी। समिट में शासकीय संस्थाओं द्वारा अपनायी जाने वाली स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएंगी। इसमें बैंकों एवं इनवर्टर निर्माताओं से परियोजनाओं की वित्तीय एवं तकनीकी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा होगी।

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना की मुख्य विशेषताएं

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजनातर्गत कुसुम "सी" में सब-स्टेशन की 100 प्रतिशत क्षमता तक की परियोजनाओं की स्थापना में केन्द्रीय अनुदान का लाभ लेने का विकल्प भी प्रदान किया जा रहा है। योजना में 1900 से अधिक विद्युत सब-स्टेशन एवं 14500 मेगावॉट क्षमता, सौर परियोजनाओं के चयन हेतु उपलब्ध कराये गये है। इस योजना में रिएक्टिव पॉवर प्रबंधन से अतिरिक्त आय होगी। इसमें स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोज़गार सृजन के उचित अवसर मिलेंगे। योजना में वित्त पोषण की सुगमता के लिए बैंकों से समन्वय किया जायेगा। साथ ही परियाजनाओं में एआईएफ के तहत 7 वर्षों तक 3 प्रतिशत ब्याज में छूट मिलेगी।

 

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