एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद अब तक कुल 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल में लाए गए

अहमदाबाद
एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद अब तक कुल 270 शव अहमदाबाद सिविल अस्पताल में लाए गए हैं। अस्पताल के चिकित्सकों ने शनिवार को बताया कि अहमदाबाद फायर ब्रिगेड एवं इमरजेंसी सर्विस (एएफईएस) ने विमान दुर्घटनास्थल से पिछले 24 घंटों में एक शव और कुछ मानव शरीर के अंग बरामद किए हैं। अधिकारियों ने पहले मरने वालों की संख्या 265 बताई थी।

बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद से 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर जा रहा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई 171) विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद मेघाणी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल और उसके कैंटीन परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धवल गामेती ने पीटीआई-भाषा से कहा कि विमान दुर्घटनास्थल से अब तक लगभग 270 शव सिविल अस्पताल लाए गए हैं।डीएनए नमूनों का मिलान करके शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया अभी जारी है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव रिश्तेदारों को सौंप दिए जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जयेश खड़िया ने कहा कि दुर्घटनास्थल पर जारी जांच में फोरेंसिक और विमानन विशेषज्ञों की मदद कर रहे हमारे अग्निशमन कर्मियों को शुक्रवार को कैंटीन के मलबे से कुछ शव मिले, जबकि आज सुबह एक शव मिला।

एयर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल पर केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टीम भी तैनात की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएसजी टीम को राहत कार्यों में अन्य एजेंसियों की सहायता के लिए तैनात किया गया है। दुर्घटनास्थल पर हॉस्टल की इमारत में एनएसजी कमांडो देखे गए, जहां दुर्घटना के बाद विमान का पिछला हिस्सा फंस गया था।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी), नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), अहमदाबाद अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस जैसी एजेंसियां ​​जांच में शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा किया।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दिल्ली में कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। मंत्रालय ने कहा कि समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी और तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करेगी।

इस बीच, एआईबी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए छात्रावासों को जांच के लिए खाली करा रहा है। बी जे मेडिकल कॉलेज की डीन मीनाक्षी पारीख ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) जांच करना (विमान दुर्घटना की) चाहता है। इसके लिए छात्रावास खाली कराए जा रहे हैं। हमने वहां रहने वाले स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है।

 

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