ट्राई अधिकारी बनकर की कॉल, बुजुर्ग से हड़पे 2.27 करोड़

नई दिल्ली
साइबर धोखाधड़ी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। डिजिटल धोखेबाज बड़ी संख्या में बुजुर्गों को टार्गेट कर रहे हैं। उन्हें तकनीकी जाल में फंसाया जा रहा है। भरोसे में लिया जा रहा है और फिर जितना हो सके, रकम ट्रांसफर कराई जा रही है। लगभग एक ही पैटर्न के तमाम मामले आ रहे हैं, लेकिन घटनाओं पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है। इस दफा चेन्नई के रहने वाले 81 वर्षीय साल के बुजुर्ग के साथ 2.27 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई है। उन्हें डिजिटल अरेस्ट बनाकर पैसे हड़प लिए गए। ऐसा करने के लिए आरोपियों ने बुजुर्ग को वर्चुअल कोर्ट में पेश किया है। उस नकली कोर्ट में सबकुछ फ्राॅड था। बुजुर्ग के साथ उनकी पत्नी भी शिकार हुईं। दोनों करीब डेढ़ महीने तक साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे रहे।
डीटीनेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला मार्च के मध्य से अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक अंजाम दिया गया। बुजुर्ग ने अपने जीवनभर की कमाई गंवा दी। पीड़ित को 15 मार्च को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। दावा किया कि उनके आधार कार्ड से केनरा बैंक में अकाउंट खोला गया है। शुरुआत में बुजुर्ग आरोपियों की भाषा नहीं समझ पा रहे थे, क्योंकि आरोपी हिंदी में बात कर रहे थे।
तमिल बोलने वाले ने लिया भरोसे में
उसके बाद तमिल बोलने वाला एक शख्स कॉल पर जुड़ा और बुजुर्ग को इस भरोसे में लिया कि उनके आधार कार्ड से केनरा बैंक में अकाउंट खोला गया है। बुजुर्ग से कहा कि उनका केस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए किसी को भी इस बारे में ना बताएं। आरोपियों ने बुजुर्ग को यह यकीन दिला दिया कि गलती बुजुर्ग की तरफ से हुई है।
मांगी पैसों की जानकारी
आरोपियों ने बुजुर्ग से जानकारी मांगी कि उनके पास सभी बैंक अकाउंट्स में कितना पैसा है। बुजुर्ग को यह कहकर डराया गया कि वह और उनकी पत्नी निगरानी में हैं। उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है और किसी से भी इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। इसके बाद आरोपियों ने उनसे 59 लाख रुपये एक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए। फिर ऑनलाइन एक अदालत में शामिल होने का आदेश दिया गया। बुजुर्ग और उनकी पत्नी डिजिटल कोर्ट में पेश हुए। उस कोर्ट में नकली जज की एंट्री कराई गई। बुजुर्ग से कहा कि उन्हें उनकी पत्नी के साथ 7 दिनों की सीबीआई हिरासत में डिजिटल अरेस्ट रखा जाएगा। इस पूरे मामले पर चुप रहने के लिए कहा गया।
एफडी तक तुड़वा दीं
इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से बुजुर्ग से पैसे हड़पे गए। उनकी एफडी तक तुड़वा दी गईं और सारी रकम कुछ-कुछ हिस्सों में ट्रांसफर करवाई गई। कुल मिलाकर बुजुर्ग ने 2.27 करोड़ ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी उन्हें परेशान करने की कोशिश हुई। बुजुर्ग से कहा गया कि वह अपनी बेटी और बेटों से पैसों का इंतजाम करवाएं। यहां तक कि बुजुर्ग से उनकी प्रॉपर्टी तक बेचने के लिए कह दिया गया। एक दिन बुजुर्ग ने अपने दामाद को कॉल करके बुलाया और उसके बाद मामले का खुलासा हुआ। अब इस मामले की जांच की जा रही है।