दिलीप दोषी के निधन पर टूट गए तेंदुलकर, अनिल कुंबले ने भी लिखा भावुक पोस्ट

नई दिल्ली/लंदन
 भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोषी का सोमवार को लंदन में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी कालिंदी, बेटे नयन और बेटी विशाखा हैं। नयन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेला है। दिलीप दोषी के निधन से सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज क्रिकेटरों को गहरा दुख हुआ है। दोषी ने 1979 में भारत के लिए खेलना शुरू किया था। उन्होंने 33 मैचों में 114 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में आया था।

898 विकेट, 43 फाइव विकेट हॉल, टूटी उंगली से ऑस्ट्रेलिया को रौंदा

दिलीप दोषी चुनिंदा क्रिकेटरों में शामिल हैं, जिन्होंने बिशन सिंह बेदी, चंद्रशेखर, प्रसन्ना, वेंकटराघवन की मशहूर चौकड़ी के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाई। उनके परिवार में उनकी पत्नी कालिंदी, बेटा नयन (जो प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेल चुके हैं) और बेटी विशाखा हैं। उनके निधन पर महान सचिन तेंदुलकर सहित तमाम दिग्गजों ने अपना शोक व्यक्त किया है। 22 दिसंबर, 1947 को राजकोट, सौराष्ट्र में जन्मे दोषी ने देर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया, लेकिन अपनी सटीकता, धैर्य और गेंद को हवा में घुमाने की क्षमता से अपनी छाप छोड़ी। आइए जानते हैं उनके करिश्माई क्रिकेट करियर के बारे में…

दिलीप दोषी की एंट्री और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में गजब रिकॉर्ड

दिलीप दोषी का प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर काफी शानदार रहा। उन्होंने 1968-69 सीज़न में पदार्पण किया और 1986 में संन्यास लेने तक कुल 238 प्रथम श्रेणी मैच खेले। इस दौरान उन्होंने कुल 898 विकेट लिए, जिसमें 43 बार एक पारी में पांच विकेट और छह बार एक मैच में दस विकेट शामिल थे। यह आंकड़ा उनकी असाधारण निरंतरता और विकेट लेने की क्षमता को दर्शाता है। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने मुख्य रूप से बंगाल का प्रतिनिधित्व किया, जहां वह रणजी ट्रॉफी में टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे। उन्होंने सौराष्ट्र के लिए भी खेला। इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में भी उनका प्रभाव रहा, जहां उन्होंने नॉटिंघमशायर और वारविकशायर के लिए खेला। नॉटिंघमशायर के साथ चार सत्रों में उन्होंने 44 प्रथम श्रेणी मैचों में 157 विकेट लिए।

दिलीप दोषी का छोटा, लेकिन अद्भुत क्रिकेट करियर

दिलीप दोषी ने 1979 में 32 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया, जो कि एक स्पिनर के लिए काफी देर से माना जाता है। उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में किया, जहां उन्होंने पहली पारी में 6 विकेट सहित मैच में 8 विकेट लेकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। वह उन 9 भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू में पांच विकेट लिए हैं। उन्होंने 1979 से 1983 के बीच भारत के लिए 33 टेस्ट मैच खेले और 114 विकेट लिए। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम छह बार एक पारी में पांच विकेट शामिल हैं। उनकी गेंदबाजी औसत 30.71 और इकॉनमी रेट 2.25 थी, जो उनकी सटीकता और नियंत्रण को दर्शाती है।

दिलीप दोषी ने फ्रैक्चर पैर की उंगली के बावजूद गेंदबाजी और भारत को दिलाई जीत

टेस्ट क्रिकेट में उनके कुछ यादगार प्रदर्शनों में 1981 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत में उनका प्रदर्शन शामिल है। इस मैच में उन्होंने फ्रैक्चर पैर की उंगली के बावजूद गेंदबाजी की और पांच विकेट लेकर भारत को एक छोटा लक्ष्य बचाने में मदद की। सर गैरी सोबर्स जैसे महान खिलाड़ी ने भी दोषी की प्रशंसा की थी। टेस्ट के अलावा दिलीप दोषी ने भारत के लिए 15 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 22 विकेट लिए। एकदिवसीय मैचों में उनका औसत 23.82 और इकॉनमी रेट 3.96 प्रभावशाली रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ 4/30 का उनका सर्वश्रेष्ठ वनडे गेंदबाजी प्रदर्शन रहा।

दिलीप दोषी का संन्यास

दिलीप दोषी ने 1983 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, जिससे उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 4 साल तक सीमित रहा। हालांकि, उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलना जारी रखा और 1986 में पूरी तरह से संन्यास लिया। दिलीप दोषी को एक क्लासिकल बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में जाना जाता था, जो गेंद को हवा में फेंकने और बल्लेबाजों को धोखा देने की कला में माहिर थे। भले ही उन्हें भारतीय क्रिकेट की प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी (बेदी, चंद्रशेखर, प्रसन्ना, वेंकटराघवन) के बाद खेलने का मौका मिला, उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वह उन चुनिंदा गेंदबाजों में से एक हैं, जिन्होंने 30 साल की उम्र के बाद टेस्ट डेब्यू करने के बावजूद 100 से अधिक टेस्ट विकेट लिए। हाल ही में 23 जून, 2025 को 77 वर्ष की आयु में लंदन में उनका निधन हो गया, जिससे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। दिलीप दोषी ने एक खिलाड़ी के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में खेल में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनकी विरासत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा जीवित रहेगी।

दिलीप दोषी का टेस्ट क्रिकेट करियर

    मैच: 33
    पारी: 55
    गेंदें फेंकी: 9322
    रन दिए: 3502
    विकेट: 114
    सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी (एक पारी में): 6/102
    औसत: 30.71
    इकोनॉमी रेट: 2.25
    स्ट्राइक रेट: 81.77
    पांच विकेट हॉल: 6

दिलीप दोषी का वनडे क्रिकेट करियर

    मैच: 15
    पारी: 15
    गेंदें फेंकी: 792
    रन दिए: 524
    विकेट: 22
    सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी: 4/30
    औसत: 23.82
    इकोनॉमी रेट: 3.96
    स्ट्राइक रेट: 36.00
    चार विकेट हॉल: 2

दिलीप दोषी का प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर

    मैच: 238
    विकेट: 898
    औसत: 26.58
    पांच विकेट हॉल: 43
    दस विकेट हॉल: 6
    सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी: 7/29

दिलीप दोषी का बल्लेबाजी रिकॉर्ड

    टेस्ट रन: 129 (38 पारियों में, उच्चतम 20)
    वनडे रन: 9 (5 पारियों में, उच्चतम 5)
    प्रथम श्रेणी रन: 1442 (253 पारियों में, उच्चतम 44)

सचिन तेंदुलकर ने व्यक्त किया दुख

दिलीप दोषी का निधन क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर दोषी को याद किया। उन्होंने बताया कि 1990 में यूके में उनकी पहली मुलाकात हुई थी। सचिन ने कहा कि दोषी ने उन्हें नेट पर गेंदबाजी की थी। सचिन ने लिखा, 'मैं दिलीप भाई से पहली बार 1990 में यूके में मिला था। उन्होंने उस दौरे पर मुझे नेट पर गेंदबाजी की थी। वह मुझे बहुत पसंद करते थे, और मैं भी उन्हें पसंद करता था। दिलीप भाई जैसे गर्मजोशी वाले इंसान को बहुत याद किया जाएगा। मुझे उन क्रिकेट की बातों की याद आएगी जो हम हमेशा करते थे। उनकी आत्मा को शांति मिले। ओम शांति।'

अनिल कुंबले ने भी दी श्रद्धांजलि

पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने भी दोषी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, 'दिलीप भाई के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। भगवान उनके परिवार और दोस्तों को इस नुकसान को सहन करने की शक्ति दे। नयन, मैं तुम्हारे बारे में सोच रहा हूं।' दिलीप दोषी ने 1979 में बिशन सिंह बेदी के रिटायरमेंट के बाद भारतीय टीम में जगह बनाई थी। उन्होंने 1983 में अपना आखिरी मैच खेला था। उन्होंने 33 मैचों में 114 विकेट लिए, जिसमें 6 बार उन्होंने पांच विकेट लिए।

उन्होंने घरेलू मैदान पर तीन शानदार सीजन खेले। इन सीजन में उन्होंने सिर्फ 28 मैचों में 100 विकेट पूरे किए। 1981 में MCG में उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। उन्होंने पांच विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई थी। उस मैच में उन्होंने पैर की हड्डी टूटने के बावजूद गेंदबाजी की थी। MCG की उछाल भरी पिच पर उन्हें खेलना मुश्किल था।

काउंटी क्रिकेट में भी बड़ा नाम

दोषी काउंटी क्रिकेट में भी एक जाना-माना नाम थे। उन्होंने नॉटिंघमशायर और वारविकशायर का प्रतिनिधित्व करते हुए एक दशक से अधिक समय बिताया। दिलीप दोषी ने 1980 से 1982 के बीच 15 वनडे मैच भी खेले। उन्होंने 23.81 की औसत से 22 विकेट लिए।

दिलीप दोषी के निधन पर क्रिकेट जगत में शोक की लहर है। सभी उन्हें एक महान खिलाड़ी और एक बेहतरीन इंसान के रूप में याद कर रहे हैं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

 

 

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