केंद्र सरकार ने बाइक टैक्सी को दी मंजूरी, दिशानिर्देश जारी; कंपनियों ने किया स्वागत

नई दिल्ली
ऐप या एग्रीगेटर्स के जरिये अब आप प्राइवेंट नंबर की बाइक बुक कर सफर पर निकल सकेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को पहली बार एग्रीगेटर्स के जरिये पैसेंजर यात्रा के लिए गैर-परिवहन (निजी) मोटरसाइकिलों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी, जो राज्य सरकार की मंजूरी के अधीन है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्र की गाइडलाइंस में कहा गया है कि राज्य सरकार एग्रीगेटर्स के जरिये पैसेंजर द्वारा यात्रा के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों के एकत्रीकरण (एग्रीगेशन) की अनुमति दे सकती है। इसका फायदा यह होगा कि यातायात की भीड़ और वाहन प्रदूषण में कमी आएगी। इसके अलावा, सस्ती यात्री गतिशीलता, हाइपरलोकल डिलीवरी और आजीविका के अवसर पैदा होंगे।
केंद्र सरकार ने बाइक टैक्सी को मंजूरी दे दी है। सरकार ने 1 जुलाई को मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश, 2025 जारी किए, जिनमें निजी (गैर-परिवहन) बाइक को यात्री सेवा के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई है। लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों की मंजूरी जरूरी होगी। रैपिडो, उबर और ओला जैसी बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म के लिए यह बहुत बड़ी राहत है।
राज्यों को प्रतिदिन, साप्ताहिक या 15 दिनों के हिसाब से शुल्क लगाने का अधिकार
दिशानिर्देश में कहा गया है कि इस पहल से न केवल ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों को सस्ता परिवहन विकल्प भी उपलब्ध होगा। साथ ही, हाइपरलोकल डिलीवरी सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। राज्य सरकारों को एग्रीगेटर कंपनियों पर प्रतिदिन, साप्ताहिक या 15 दिनों के हिसाब से शुल्क लगाने का अधिकार होगा।
बाइक्स को मिली मंजूरी
MVAG 2025 राज्य सरकार की मंजूरी के अधीन एग्रीगेटर्स के माध्यम से नॉन-ट्रांसपोर्ट (निजी) मोटरसाइकिलों के उपयोग की अनुमति देकर एक लंबे समय से चली आ रही बहस को भी खत्म करता है. नई गाइडलाइन के अनुसार, "राज्य सरकार एग्रीगेटर्स के माध्यम से नॉन-ट्रांसपोर्ट (निजी) मोटरसाइकिलों को भी शेयर्ड मोबिलिटी के तौर पर अनुमति दे सकती हैं. जिसका उद्देश्य ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करते हुए सस्ती मोबिलिटी प्रदान करना है.
इसका मतलब है कि अब मोटरसाइकिलों को भी कैब सर्विस के रूप में इस्तेमाल करने का रास्ता साफ हो गया है. गाइडलाइन के क्लॉज 23 के अनुसार राज्यों को ऐसी मोटरसाइकिलों के उपयोग के लिए एग्रीगेटर्स पर दैनिक, साप्ताहिक या पाक्षिक शुल्क लगाने का अधिकार होगा.
रैपिडो और उबर जैसे बाइक टैक्सी ऑपरेटर, जो कई राज्यों में विनियामक ग्रे ज़ोन में काम करते हैं – जिसमें कर्नाटक भी शामिल है, जहाँ हाल ही में प्रतिबंध के कारण विरोध प्रदर्शन हुए थे – ने इस कदम का स्वागत किया है. रैपिडो ने इस क्लॉज को "विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर" कहा, और कहा कि यह परिवर्तन लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और कम सेवा वाले क्षेत्रों में किफायती परिवहन का विस्तार करने में मदद करेगा.
बता दें कि, मोटर व्हीकल एग्रीग्रेटर गाइडलाइन (MVAG) का ये नया एडिशन पिछले 2020 संस्करण की जगह लेगा. इस नए गाइडलाइन के जरिए आम लोगों के इस्तेमाल में आने वाले रोजाना की मोबिलिटी को असाना बनाने का प्रयास किया गया है.
केंद्र सरकार के फैसले से बाइक टैक्सी सेवाओं को कानूनी स्पष्टता मिली
केंद्र के इस फैसले से उन ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवाओं को कानूनी स्पष्टता मिली है जो अब तक कई राज्यों में कानूनी अनिश्चितता में काम कर रही थीं। हालांकि, इसका असली असर तब देखने को मिलेगा जब राज्य सरकारों की ओर से इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। कर्नाटक में 16 जून से बाइक टैक्सी सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
उबर और रैपिडो ने किया स्वागत
केंद्र सरकार का यह फैसला रैपिडो और उबर जैसे बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को राहत देता है, जो लंबे समय से कानूनी ग्रे एरिया में काम कर रहे हैं, खासकर कर्नाटक जैसे राज्यों में, जहां हाल ही में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध के चलते व्यापक विरोध हुआ था। उबर और रैपिडो सहित अन्य ऐसी कंपनियों ने इस कदम का स्वागत किया है। उबर ने गाइडलाइंस की सराहना करते हुए कहा कि यह इनोवेशन और विनियामक स्पष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।
उबर के प्रवक्ता ने कहा कि हम मंत्रालय के परामर्शी और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना करते हैं और फ्रेमवर्क के प्रभावी और समावेशी रोलआउट का समर्थन करने के लिए सभी स्तरों पर सरकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रैपिडो ने विशेष रूप से MVAG 2025 के खंड 23 के संचालन का स्वागत किया। यह खंड यात्री यात्राओं के लिए गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों के एकत्रीकरण की अनुमति देता है। इसे रैपिडो ने भारत की विकासशील भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर बताया। रैपिडो ने एक बयान में कहा कि गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों (निजी बाइक) को साझा गतिशीलता के साधन के रूप में मान्यता देकर, सरकार ने लाखों लोगों के लिए अधिक किफायती परिवहन विकल्पों के द्वार खोले हैं, खासकर वंचित और अति-स्थानीय क्षेत्रों में।
शेयर्ड मोबिलिटी ईकोसिस्टम में अहम बदलाव आया
साल 2020 से, भारत के साझा गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र (शेयर्ड मोबिलिटी ईकोसिस्टम) में तेजी से और महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सरकार ने 2020 में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 93 के तहत मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 जारी किए। बाइक-शेयरिंग, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की शुरुआत और ऑटो-रिक्शा की सवारी सहित विविध और लचीले गतिशीलता समाधानों की मांग में वृद्धि ने उपभोक्ता आधार को व्यापक बनाया है। मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 को मोटर वाहन एग्रीगेटर ईकोसिस्टम में विकास के साथ नियामक ढांचे को अपडेट रखने के लिए संशोधित किया गया है। नए गाइडलाइंस यूजर्स की सुरक्षा और चालक के कल्याण के मुद्दों पर ध्यान देते हुए एक हल्के-फुल्के नियामक प्रणाली प्रदान करने का प्रयास करते हैं।