यूक्रेन के भविष्य पर बैठक के बीच कीव पर पुतिन की आर्मी का बड़ा हमला

ब्लूमबर्ग
इटली की राजधानी रोम में जब विश्व के नेता यूक्रेन के युद्ध के बाद पुनर्निर्माण को लेकर चर्चा करने इकट्ठा हुए, उसी वक्त रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई इलाकों पर भीषण हवाई हमला कर दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बताया कि लगभग 400 ड्रोन और 18 मिसाइलें दागीं गईं, जिनमें बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल थीं। हमले में दो लोगों की मौत हो गई और 16 घायल हुए। ज़ेलेंस्की ने इस हमले को “रूस की ओर से आतंकवाद की स्पष्ट बढ़ोतरी” बताया। यह हमला करीब 10 घंटे तक चला और लगातार दूसरी रात रूस की ओर से हमला किया गया। यह हमला दर्शाता है कि रूस फिलहाल युद्धविराम की बात करने के मूड में नहीं है।

ट्रंप ने की पुतिन की आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करते हुए कहा कि “वह बहुत ज्यादा लोगों की जान ले रहा है” और इसी कारण अमेरिका यूक्रेन को फिर से हथियार भेजेगा। ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब वह लगातार युद्ध रोकने की कोशिश कर रहे हैं। 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद से वो करीब 6 नाकाम कोशिशें कर चुके हैं।

रोम सम्मेलन का एजेंडा
रोम में चल रहे चौथे यूक्रेन पुनर्निर्माण सम्मेलन में अब चर्चा का केंद्र ‘पुनर्निर्माण कैसे हो’ नहीं, बल्कि ‘यूक्रेन को जिंदा कैसे रखा जाए’ रहा। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सम्मेलन की मेजबानी की, मेलोनी को ट्रंप की करीबी माना जाता है। उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, और अमेरिकी विशेष दूत कीथ केलीग भी हिस्सा ले रहे हैं।

यूक्रेन के लिए 100 अरब यूरो का फंड
यूरोपीय संघ अब यूक्रेन के लिए 100 अरब यूरो (लगभग ₹9 लाख करोड़) का विशेष सहायता फंड बनाने पर विचार कर रहा है, जिसे 2028 से लागू किया जा सकता है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने बताया कि 2026 तक देश को $40 अरब से ज्यादा के बजट घाटे का सामना करना होगा, जिसे बाहरी मदद से ही पूरा किया जा सकता है।

रूस पर अमेरिका की सख्ती
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच कुआलालंपुर में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की बैठक के दौरान बातचीत तय है। दूसरी तरफ अमेरिकी संसद में इस महीने रूस पर नई सख्त पाबंदियां लगाने के लिए वोटिंग हो सकती है। जेलेंस्की ने भी अमेरिका से रूस पर कड़े प्रतिबंधों की मांग की है।

 

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