BS-6 गाड़ियों पर भी खतरे के बादल? सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को करेगा अहम सुनवाई

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें यह सवाल उठाया गया है कि BS-VI (बीएस-6) मानकों वाली गाड़ियों पर भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पेट्रोल गाड़ियों के लिए 15 साल और डीजल गाड़ियों के लिए 10 साल की तय उम्र सीमा लागू होनी चाहिए या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने दी जल्दी सुनवाई की मंजूरी
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने गुरुवार को इस याचिका को जल्दी सुनवाई के लिए मंजूरी दी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह मामला बेहद जरूरी है, क्योंकि सरकार कोर्ट के पहले दिए गए निर्देशों को नजरअंदाज करके अपने नियम लागू नहीं कर सकती।

कोर्ट के पुराने आदेशों से नहीं हट सकती सरकार
वकील ने दलील दी कि दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही गाड़ियों की उम्र को लेकर जो सीमाएं तय की थीं, सरकार को उन्हें बिना कोर्ट की मंजूरी के बदलने का अधिकार नहीं है। ऐसे में यह साफ किया जाना जरूरी है कि बीएस-6 मानकों को पूरा करने वाली नई तकनीक की गाड़ियों पर भी पुराने नियम लागू होंगे या नहीं।

अब सबकी नजर 28 जुलाई की सुनवाई पर टिकी है, जहां यह तय हो सकता है कि एनसीआर में चल रही नई BS-VI गाड़ियों को भी तय वर्षों के बाद बंद करना पड़ेगा या उन्हें राहत मिलेगी।

क्या है मौजूदा नियम
कानून के अनुसार, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजल वाहनों के लिए वर्तमान एंड ऑफ लाइफ (जीवन अवधि) 10 वर्ष और सभी पेट्रोल वाहनों के लिए 15 वर्ष है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2015 में, भारत के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने निर्देश दिया था कि शहर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को कम करने के प्रयास में 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 

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