बिहार

मतदाता पुनरीक्षण में अब तक 10,570 सुधार आवेदन, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों से नहीं आई आपत्ति

पटना

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य में चल रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (Bihar SIR) को लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया रोज आ रही है, लेकिन वह मौखिक ही रह जा रही। मतलब, कागज पर कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाता हुआ नहीं दिख रहा है। अब तक की रिपोर्ट तो यही कह रही है। इस महीने की एक तारीख से बगैर किसी अवकाश के मतदाताओं के पुनरीक्षण के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर दावा-आपत्ति की मांग की गई थी। अबतक नाम हटाने या शामिल करने को लेकर आम मतदाताओं ने 10570 दावे-आपत्ति दर्ज कराई है। छह राष्ट्रीय और छह क्षेत्रीय दलों में से किसी एक ने एक भी दावा-आपत्ति की प्रक्रिया नहीं की है।

54432 नए वोटर आवेदन, आपत्तियों में से 127 का निस्तारण
सोमवार 11 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त दोपहर 3:00 बजे से लेकर 11 अगस्त सुबह 10:00 बजे तक का डाटा जारी किया। चुनाव आयोग ने बताया की प्रारूप निर्वाचक नामावली के संबंध में निर्वाचकों से सीधे प्राप्त दावे और आपत्तियों की संख्या 10570 रही। 7 दिनों के अंदर इनमें से 127 का निस्तारण किया जा चुका है, बाकी प्रक्रियाधीन हैं। 18 साल पूरा करने वाले या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से अब तक इस अवधि में 54432 फार्म 6 प्राप्त किए गए हैं। यानी इतने नए  वाटर मतदाता सूची में नाम जोड़ने के इच्छुक हैं।

सत्ताधारी भाजपा हो या विपक्षी राजद, किसी को आपत्ति नहीं
प्रारूप निर्वाचक नामावली के संबंध में नाम जोड़ने और हटाने के लिए राजनीतिक दलों से प्राप्त दावे और आपत्तियों की संख्या अब भी शून्य है। सबसे ज्यादा 53338 बूथ लेवल एजेंट देने वाली सत्ताधारी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी भाजपा हो या क्षेत्रीय स्तर पर होने के बावजूद 47506 बूथ लेवल एजेंट देने वाला राष्ट्रीय जनता दल, अब तक किसी ने एक भी दावा या आपत्ति का कागज नहीं दिया है।

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