वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला, मौलाना शहाबुद्दीन ने योगी सरकार से भंग करने की मांग की

बरेली
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि वक्फ बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाए क्योंकि यह करप्शन का अड्डा बन चुका है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए संतुलित फैसला सुनाया है। यह फैसला देश, समाज और मुसलमानों के हित में है।मौलाना ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड का दफ्तर रिश्वतखोरी का गढ़ बन चुका है। छोटी-छोटी मस्जिद, कब्रिस्तान या दरगाह की कमेटी गठित कराने के लिए वर्षों चक्कर लगाने पड़ते हैं और बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता।
लखनऊ का जुमला याद कराया, लगाए आरोप
मौलाना ने कहा है किलखनऊ में यह जुमला मशहूर है कि वक्फ बोर्ड की एक-एक ईंट पैसा मांगती है। भाजपा सरकार करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, इसलिए वक्फ बोर्ड से जुड़े सभी भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चहेते हैं और 18 साल से सत्ता बदलने के बावजूद पद पर जमे हुए हैं। सपा, बसपा और यहां तक कि भाजपा शासनकाल में भी उन्हें कुर्सी पर बनाए रखा गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर उनमें ऐसी कौन-सी खूबियां हैं, जिसकी वजह से उन्हें लगातार अध्यक्ष बनाए रखा गया।
मुस्लिम संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के कुछ अहम प्रावधानों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने का मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) समेत कई संगठनों और धर्मगुरुओं ने सोमवार को स्वागत किया। शीर्ष अदालत में इस विवादित अधिनियम को चुनौती देने वाली जमीयत के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि उनका संगठन इस ‘काले कानून’ के ख़त्म होने तक ‘अपनी क़ानूनी और लोकतांत्रिक जद्दोजहद को जारी रखेगा।” वहीं, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि उसे अदालतों पर पूरा भरोसा है और इंसाफ मिलने की उम्मीद है।