MP के सिंगरौली में जल्द शुरू होगा सोना निकालने का काम, 18 हजार टन गोल्ड निकालेगी कंपनी

सिंगरौली
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में कोयले और बिजली उत्पादन के बाद अब सोने का भी उत्खनन होगा. चितरंगी इलाके में 23 हेक्टेयर भूमि से 18 हजार 356 टन सोना निकाला जाएगा. गोल्ड ब्लॉक का एग्रीमेंट हो चुका है और जल्द ही यहां सोना निकालने का काम शुरू हो जाएगा.
जिला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल ने बताया कि चकरिया गोल्ड ब्लॉक के लिए एग्रीमेंट हो चुका है. कंपनी 5 साल तक यहां गोल्ड माइंस चलाएगी. इसके बाद यहां से कुल 18 हजार 356 टन सोना निकलेगा. पिछले एक साल से कंपनी ने यहां ड्रिलिंग करके सोने का रेशियो पता कर लिया है.
1.33 लाख टन स्वर्ण भंडार का अनुमान
सोने के भंडार के खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. चकरिया गोल्ड ब्लाॅक का ई-नीलामी के जरिए प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है. चकरिया गोल्ड ब्लाॅक 23.57 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है. इस ब्लॅक में थोड़ा बहुत नहीं, बल्कि 1 लाख 33 हजार 785 टन सोने के भंडार का अनुमान लगाया गया है. अनुमान है कि इसके खनन से 1 लाख 76 हजार 600 ग्राम सोने की रिकवरी हो सकती है. सोने के खनन के लिए खनिज विभाग ने सभी जरूरी वैधानिक अनुमतियां भी प्राप्त कर ली हैं.
4 दूसरे गोल्ड ब्लाॅक की हो चुकी नीलामी
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि, ''प्रदेश में सोने और दूसरे खनिज के मामले में जबरदस्त संभावनाएं मौजूद हैं. इसको लेकर लगातार खोज की जा रही है. इसी का ही नतीजा है कि कटनी और सिंगरौली में खनिजों को लेकर सकरात्मक संकेत मिले हैं. प्रदेश में अभी तक 4 दूसरे गोल्ड ब्लाॅक की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं. इनमें गुहर पहाड़, इमलिया, ईस्टर्न एक्सटेंशन आफ सोनकुरवा और अम्लीय वाह हैं. प्रदेश के प्रयासों और केन्द्र के सहयोग से मध्य प्रदेश खनिज के क्षेत्र में तेजी से उभरा है और देश-विदेश के निवेशकों का ध्यान मध्य प्रदेश ने खींचा है.''
मुख्यमंत्री बोले- प्रदेश में स्वर्ण खनिज में जबरदस्त संभावना
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने स्वर्ण खनन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने को लेकर कहा कि, ''प्रदेश में सोने और दूसरे खनिज के मामले में जबरदस्त संभावनाएं मौजूद हैं. इससे मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास में नए पंख लगेंगे. खनिज साधन के अलावा मध्य प्रदेश कई दूसरे औद्योगिक क्षेत्र में भी लगातार आगे बढ़ रहा है. खास तौर से रिफाइनिंग, लाॅजिस्टिक सहित दूसरे उद्योगों में निवेश आए और प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को और मजबूरी मिलेगी.''
2 वर्षों में कंपनी माइंस के डेवलपमेंट का करेगी काम
जिला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल बताती हैं कि, ''इस गोल्ड ब्लॉक की नीलामी के बाद एग्रीमेंट की जो प्रक्रिया है वह पूरी कर ली गई है और गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लीज दे दी गई है. जल्द ही कंपनी काम शुरू करेगी और 18356 टन सोने के उत्पादन का जो लक्ष्य रखा गया है उस पर काम करना शुरू करेगी. पहले 2 वर्षों में कंपनी माइंस के डेवलपमेंट का काम करेगी, उसके बाद कंपनी आगामी तीन वर्षों में सोना उत्पादन का कार्य करेगी.'' उन्होंने यह भी कहा कि, ''इस गोल्ड माइंस के आने से सरकार को जाने वाले राजस्व में बढ़ोतरी होगी और राजस्व का जो लक्ष्य है वह बड़ा बनेगा. यह देश के विकास में अहम योगदान के साथ-साथ जिले का भी विकास होगा.''
अधिकारी ने बताया कि इस गोल्ड माइंस का रकबा बहुत बड़ा हिस्सा शासकीय जमीन का है और कुछ हिस्सा निजी भूमि का है. सिंगरौली जिले में पहले से ही कोयले की 11 खदानें चल रही हैं. इसके अलावा, अब सोने का उत्खनन भी होगा. यह सिंगरौली के लिए गौरव की बात है.
उन्होंने यह भी बताया कि अभी इस गोल्ड माइंस के अलावा दो और गोल्ड ब्लॉक बनाए गए हैं. उनकी नीलामी हो चुकी है. अभी उनमें ड्रिलिंग का काम चल रहा है. उसके बाद पता चलेगा कि बाकी की दो अन्य खदानों में कितना सोना निकलेगा? फिलहाल कोयला और बिजली उत्पादन के बाद अब सिंगरौली की धरती सोना उगलेगी.