मध्य प्रदेश

जबलपुर में CM मोहन यादव का संदेश: “आदिवासी हिंदू हैं”, स्वच्छता अभियान में किया श्रमदान

जबलपुर / कटनी

 एमपी के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 18 सितंबर को कटनी जिले को बड़ी सौगात दी। उन्होंने जिले के बड़वारा में सांदीपनि विद्यालय सहित करोड़ों के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसके अलावा उन्होंने कटनी में सिंचाई सुविधाओं के विकास, जलाशय की मरम्मत की भी घोषणा की।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश के हर क्षेत्र में विकास की गंगा बह रही है। इस बदलते दौर में दुनिया के मंचों पर पीएम मोदी का सम्मान हर देशवासी का सम्मान है। देश तीसरी सबसे सशक्त अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 75वें जन्मदिवस पर आदिवासी अंचल धार में पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास कर प्रदेशवासियों को अनुपम सौगात दी। इससे 6 लाख कपास उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। लगभग 3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सीएम डॉ यादव ने कहा कि इसी कड़ी में आज कटनी के आदिवासी क्षेत्र को 234 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात मिली है। प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन का एक-एक दिन देशवासियों की सेवा को समर्पित कर दिया है। उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर तक देशभर में सेवा पखवाड़ा चल रहा है। प्रदेश की सभी माताएं-बहनें अपने लिए थोड़ा समय निकालें और स्वास्थ्य शिविरों में अपनी जांच कराएं। यहां महंगी से महंगी जांच, दवाएं और इलाज मुफ्त होगा। उन्होंने कहा कि एक गरीब परिवार से निकला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बना है। प्रधानमंत्री मोदी गरीबों की परेशानी को अच्छी तरह समझते हैं। राजा श्रीराम के शासन में गरीबों को फ्री राशन बांटा जाता था। वैसे ही आज प्रधानमंत्री मोदी देश के 85 करोड़ जरूरतमंद लोगों को कोरोना काल से राशन उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने गरीबों के लिए पक्के मकान बनवाए, एलपीजी कनेक्शन दिए और शौचालय बनवाए। यह सरकार के गरीब और महिला कल्याण का उदाहरण है।

उद्योगों के लिए हर तरह के प्रयास कर रही सरकार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले दिनों माइनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से कटनी जिले में 56 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है। यहां व्यापार-व्यवसाय की संभावनाएं बन रही है। इससे गरीब, युवा और किसानों की जिंदगी बदलेगी। कटनी में कोयला, लाइमस्टोन और क्रिटिकल मिनरल्स के भंडार हैं। अब तो यहां सोना भी मिलने वाला है। कटनी कनकपुरी बनेगा। पन्ना में हीरा तो पहले ही मिल रहा है। यह पूरा क्षेत्र विकास की नई इबारत लिखेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने पीपीपी मॉडल पर प्रदेश में 4 नए मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए स्वीकृति दी है। इनमें से एक कटनी में बनेगा। शीघ्र ही जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात भी मिलेगी।

सीएम यादव ने रानी दुर्गावती चिकित्सालय में स्वच्छता के लिए किया श्रमदान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सेवा पखवाड़ा अंतर्गत स्वच्छता अभियान के तहत गुरूवार को रानी दुर्गावती चिकित्सालय जबलपुर में साफ-सफाई के लिए झाडू लगाकर श्रमदान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चिकित्सालय के स्टाफ एवं शासकीय कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे कार्यालयीन समय के पूर्व रोस्टरवार स्वच्छता के लिए श्रमदान करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं स्वास्थ्य संस्थाओं में सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों से अपील की कि वे सेवा पर्व के दौरान स्वच्छता के लिये श्रमदान करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संभागीय कमिश्नर एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सफाई अभियान का नियमित निरीक्षण और निगरानी करने के निर्देश दिये। साथ ही मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण से भी अनुरोध किया कि वे साफ-सफाई अभियान का निरीक्षण कर आमजन और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी श्रमदान के लिये प्रोत्साहित करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेवा पर्व को नया आयाम देते हुए अस्पतालों में सफाई व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय हैकि 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर की अवधि में प्रदेश में स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार एवं पोषण अभियान चल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शिविर भी लगाए जा रहे हैं, जिसमें विभिन्न रोगों की नि:शुल्क जांच के साथ ही आमजन को स्वास्थ्य, शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।

सांदीपनि स्कूलों को देख प्राइवेट संस्थान दंग

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कटनी में 2 सांदीपनि विद्यालयों का लोकार्पण कर विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सांदीपनि विद्यालयों के भवन और सुविधाएं देखकर तो प्राइवेट स्कूल वाले भी दंग रह जाते हैं। देश के किसी राज्य में इतने अच्छे स्कूल नहीं बने, जैसे सांदीपनि विद्यालय मध्यप्रदेश में बने हैं। पहले स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कल्पना तक मुश्किल होता था। बड़वारा में दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों की तरह स्कूल बनकर तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी सांदीपनि आश्रम से शुरू हुई भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का अनुसरण करें।

स्वदेशी को करें प्रोत्साहित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऑनलाइन खरीदारी करने वाले कसम खा लें। अब ऑनलाइन के चक्कर में नहीं पड़ना है। छोटे दुकानदार और व्यापारियों को प्रोत्साहन दें। भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। देश का पैसा देश में रहे, इसके लिए नवरात्रि, दशहरा, दीपावली की खरीदारी में स्वदेशी को अपनाएं। बदलते दौर में भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश बनाना है। उन्होंने कहा कि माताएं-बहनें नवदुर्गा के समान हैं। राज्य सरकार लाड़ली बहनों को दीपावली के बाद हर महीने 1500 रुपए राशि देगी। इस राशि को धीरे-धीरे 3000 तक किया जाएगा। सरकार टॉपर बच्चों को स्कूटी और बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक लाने पर लैपटॉप दे रही है।

गोंडवाना राजा हिंदू देवताओं की पूजा करते थे

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि शहीद शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के सामने अंग्रेजों ने शर्त रखी थी कि वह हिंदू धर्म छोड़ दें और उनका धर्म अपना लें, लेकिन उन्होंने हिंदू धर्म नहीं छोड़ा। बल्कि जान देना कबूल कर लिया। आदिवासी हिंदू हैं, कुछ लोगों ने उन्हें लालच दिया कि हम आपको पेंशन दिलवाएंगे। हिंदू धर्म छोड़ना पड़ेगा, पूजा-पाठ छोड़ना होगा पर ये लोग ऐसी मिट्टी की बने हैं, जो भूखे मरने को तैयार हैं पर हिंदू धर्म नहीं छोड़ेंगे।

डॉ. यादव ने कहा कि आदिवासी के पूर्वज हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते थे। भारत का आदिवासी हमेशा सनातनी हिंदू रहा है और उसने कभी हिंदू धर्म नहीं छोड़ा। मैं ऐसा मानता हूं कि सिर्फ शंकर शाह-रघुनाथ शाह नहीं बल्कि उनकी रानियां भी हिंदू देवी माता चंडी की पूजा करती थीं। अंग्रेज हिंदू और आदिवासियों के बीच फूट डालना चाहते थे, लेकिन भारत का आदिवासी हमेशा सनातनी हिंदू रहा है और उसने कभी हिंदू धर्म नहीं छोड़ा।

आदिवासी नेता बोले-हम हिंदू नहीं हैं

काकोड़िया का कहना है कि सीएम आदिवासियों को बरगला रहे हैं। गोंडवाना साम्राज्य की अलग पहचान है, हमारी अलग संस्कृति है, कल्चर है, अलग पहनावा है, बोली-भाषा है। 1931 के ट्राइबल एक्ट में आदिवासियों को अलग पहचान दी गई थी। आदिवासियों को सनातनी हिंदू बोलना कुठाराघात है।

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