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नवंबर में बदलेगा मौसम का मिजाज: IMD ने दी चेतावनी, कई राज्यों में सामान्य से ज़्यादा बारिश के आसार

नई दिल्ली 
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने नवंबर महीने के लिए अपना मौसमी पूर्वानुमान जारी कर दिया है। विभाग के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की संभावना है, जबकि दिन के तापमान में कमी आएगी और रातें अपेक्षाकृत गर्म रहेंगी। यह पूर्वानुमान ला नीना प्रभाव, उत्तर-पश्चिमी हवाओं और समुद्री स्थितियों पर आधारित है, जो सर्दियों की शुरुआत में मौसम को प्रभावित करेगा।

IMD) ने अनुमान जताया है कि तमिलनाडु, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, नवंबर में जारी रहने वाली वर्षा गतिविधियों के कारण दिन का तापमान सामान्य से नीचे रहेगा, जिससे दिन के समय मौसम ठंडा महसूस होगा। लेकिन बादल छाए रहने और आसमान में ओवरकास्ट स्थितियों के कारण रात का तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है, जिससे नवंबर की रातें अपेक्षाकृत गर्म रहेंगी।

दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मॉनसून से सामान्य वर्षा की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम विभाग ने बताया कि सर्दियों के महीनों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में उत्तर-पूर्व मॉनसून के दौरान सामान्य वर्षा की संभावना है। यह मॉनसून तमिलनाडु के लिए मुख्य वर्षा ऋतु माना जाता है। IMD ने कहा कि तमिलनाडु, कराईकल, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, यानम, रायलसीमा, केरल, माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में नवंबर माह में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद है, जो लंबी अवधि के औसत के 77 से 123 प्रतिशत के बीच रह सकती है।

अक्टूबर बना हाल के वर्षों का सबसे अधिक बरसाती महीना
देशभर में अक्टूबर माह इस साल हाल के वर्षों में सबसे अधिक बरसाती महीनों में से एक साबित हुआ। अक्टूबर की शुरुआत में पूर्वी भारत में बने गहरे डिप्रेशन और महीने के अंत में आए चक्रवात ‘मोंथा’ ने वर्षा को काफी बढ़ा दिया। पिछले महीने उत्तर हिंद महासागर बेसिन (जिसमें बंगाल की खाड़ी और अरब सागर शामिल हैं) में दो चक्रवात आए- ‘शक्ति’ और ‘मोंथा’। उल्लेखनीय है कि जनवरी से सितंबर 2025 तक इस बेसिन में कोई चक्रवात नहीं बना था। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि 2025 कोई अपवाद नहीं है। इससे पहले भी 1938, 1949, 1980, 1983, 1984, 1986, 1988, 1993, 1995, 2011 और 2012 में जनवरी से सितंबर के बीच कोई चक्रवात विकसित नहीं हुआ था।

24 घंटे में 350 मिमी बारिश
अक्टूबर 28 से 30 के बीच चक्रवात ‘मोंथा’ के कारण तटीय आंध्र प्रदेश, यानम, ओडिशा, रायलसीमा, तेलंगाना और गंगीय पश्चिम बंगाल में 24 घंटे में करीब 350 मिमी तक अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई। देशभर में अक्टूबर माह में औसतन 112.2 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से लगभग 50% अधिक थी। यह 2001 के बाद दूसरा सबसे अधिक बरसाती अक्टूबर रहा और 1901 के बाद से 16वां सबसे अधिक वर्षा वाला अक्टूबर बना।

उत्तर-पश्चिम भारत, जहां अक्टूबर तक मॉनसून पूरी तरह से वापस लौट जाता है, ने भी इस बार 160 मिमी की औसत वर्षा दर्ज की- जो 2001 के बाद तीसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद दसवीं सबसे अधिक रही। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है, जिससे देश के अधिकांश हिस्सों में ठंडक भरा मौसम महसूस किया जा सकता है, हालांकि रातें सामान्य से कुछ अधिक गर्म रह सकती हैं।

 

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