गायत्री मंत्र मानव जीवन को ऊर्जावान और संस्कारित बनाते हैं: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज सक्ती जिले के ग्राम हसौद में आयोजित भव्य 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को आध्यात्मिक एकता, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत संगम बताया। उन्होंने कहा कि “मां महामाया की पावन भूमि हसौद में 251 कुंडों में एक साथ सम्पन्न हो रहा यह महायज्ञ छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक परंपरा को नई ऊंचाई देता है।”
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति को विश्व पटल पर नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा—“500 वर्षों के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ, काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प हुआ। छत्तीसगढ़ तो स्वयं भगवान श्रीराम का ननिहाल है—माता कौशल्या की पावन भूमि है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों की उन्नति और कल्याण के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अब तक 38 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला का दर्शन किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर 24 सिद्धियों और शक्तियों के प्रतीक हैं, जो मानव जीवन को ऊर्जा, सदाचार और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के दौरान देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के कुलपति डॉ. चिन्मय पण्डया ने मुख्यमंत्री का सम्मान करते हुए उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही देशभर से आए अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
140 नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद – कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्रदान
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत हसौद में परिणय-सूत्र में बंधने वाले 140 नवविवाहित जोड़ों को शुभकामनाएँ और आशीर्वाद दिया।
जैतखाम में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हसौद प्रवास के दौरान जैतखाम पहुँचकर विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति, कल्याण एवं निरंतर प्रगति की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के सत्य, अहिंसा, समानता, सामाजिक समरसता तथा ‘मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश हमें समाज में सद्भाव और एकता का मार्ग दिखाते हैं। उन्होंने जनसमूह से आह्वान किया कि इन आदर्शों को आत्मसात कर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।



