मध्य प्रदेश

कौशल और रोजगार से गढ़ी जा रही आत्मनिर्भरता की नई इबारत : मंत्री गौतम टेटवाल

अभ्युदय मध्यप्रदेश
कौशल और रोजगार से गढ़ी जा रही आत्मनिर्भरता की नई इबारत : मंत्री गौतम टेटवाल

आईटीआई में रिकॉर्ड प्रवेश और युवाओं का हुआ वैश्विक प्लेसमेंट

भोपाल

कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में पत्रकार वार्ता में विभाग की 2 वर्ष की उपलब्धियां को साझा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में मध्यप्रदेश ने कौशल और रोजगार के क्षेत्र में ठोस, परिणाममुखी और राष्ट्र स्तर पर प्रशंसित उपलब्धियाँ हासिल की हैं।मंत्री टेटवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ और आगामी तीन वर्षों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि ये केवल आंकड़े नहीं, बल्कि प्रदेश के युवाओं के जीवन में वास्तविक परिवर्तन का प्रमाण हैं।

सत्र 2025 में प्रदेश के आईटीआई में एक लाख से अधिक प्रशिक्षणार्थी परीक्षाओं में सम्मिलित हुए और विभिन्न ट्रेडों में दस प्रशिक्षणार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। विगत दो वर्षों में शासकीय संभागीय आईटीआई, भोपाल के तीन प्रशिक्षण अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाना तथा शासकीय एकलव्य महिला आईटीआई, बैतूल की प्रशिक्षणार्थी कु. त्रिशा तावड़े को 4 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया जाना प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

विश्व कौशल प्रतियोगिता 2024 में प्रदेश के प्रशिक्षणार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर 1 गोल्ड, 2 सिल्वर, 4 कांस्य और 11 मेडेलियन ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त किए तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ्रांस (लियॉन) में एक मेडेलियन ऑफ एक्सीलेंस अर्जित किया गया, जो प्रशिक्षण की गुणवत्ता का प्रमाण है। वर्ष 2025 में शासकीय आईटीआई के प्रवेश में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई; कुल सीटें बढ़ाकर 52,248 की गईं और 94.55% सीटें भरी गईं, जो वर्ष 2024 के 86.33% की तुलना में उल्लेखनीय सुधार दर्शाती है। महिला आरक्षण बढ़ाकर 35% करने तथा समावेशी प्रवेश नीतियों के कारण महिला प्रशिक्षणार्थियों की संख्या बढ़कर 12,191 हुई, जबकि वर्ष 2024 में यह 9,655 थी।

समावेशिता और नवप्रवर्तन विभाग की प्राथमिकता है । इस वर्ष 490 दिव्यांग प्रशिक्षणार्थियों और बाल देखरेख संस्थाओं के 16 बच्चों ने आईटीआई में प्रवेश लिया। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए ट्रेडों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 की गई तथा इन ट्रेडों में 8,041 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। प्रदेश के आईटीआई की गुणवत्ता और आकर्षण का प्रमाण यह है कि इस वर्ष बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित आठ राज्यों के विद्यार्थियों ने मध्यप्रदेश के आईटीआई में प्रवेश लिया।

आईटीआई ग्रेडिंग में प्रदेश की 47 शासकीय आईटीआई ने 10 में से 9 या उससे अधिक अंक प्राप्त किए और शासकीय संभागीय आईटीआई, उज्जैन ने नौ दशमलव तीन अंक के साथ प्रदेश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। आईआईटी दिल्ली के सहयोग से उज्जैन, भोपाल और जबलपुर में एआई, आईओटी, ब्लॉकचेन तथा एआर-वीआर पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं तथा टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा फाइव-जी टेक्नोलॉजी में 400 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। इंडिया एआई मिशन के अंतर्गत नौ आईटीआई में एआई डेटा लैब्स स्थापित करने के अनुबंध सुनिश्चित किए गए हैं।

उद्योग-सीएसआर साझेदारी से प्रशिक्षण अवसंरचना सुदृढ़ हुई है; मारुति सुजुकी द्वारा आईटीआई भोपाल व जबलपुर में आधुनिक लैब का निर्माण पाँच करोड़ रु. की लागत से किया गया, सिमेंस ने आईटीआई उज्जैन में साठ लाख रुपए. की मेन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी लैब स्थापित की, जैगुआर फाउंडेशन ने आईटीआई भोपाल में पंद्रह लाख रु. की प्लम्बिंग स्किल लैब विकसित की तथा श्री-ट्रस्ट ने 20 आईटीआई में इलेक्ट्रिकल, सोलर और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन लैब स्थापित कीं। वाधवानी फाउण्डेशन, क्वेस्ट अलाईंस और इग्नाइट परियोजना के माध्यम से हजारों प्रशिक्षणार्थियों को एम्प्लॉयबिलिटी स्किल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इंडस्ट्री-अकादेमिया कंसल्टेशन वर्कशॉप 14 स्थानों पर आयोजित कर प्रशिक्षण एवं उद्योग आवश्यकताओं का बेहतर समन्वय स्थापित किया गया।

संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क में वर्ष 2025 में 1,100 प्रशिक्षणार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित किया गया, जिनमें 80% आईटीआई प्रशिक्षणार्थी और 20% पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग प्रशिक्षणार्थी हैं; ग्लोबल स्किल पार्क से अब तक 600 प्रशिक्षणार्थियों का सफल प्लेसमेंट हुआ है जिनमें 29 को विदेशी नियोजन प्राप्त हुआ और यह पार्क उच्च प्लेसमेंट प्रतिशत के साथ प्रदेश की पहचान बन चुका है। विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण, हब-एंड-स्पोक मॉडल और उद्योगों के साथ समन्वय के तहत अधिकारियों तथा अभ्यर्थियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

विगत दो वर्षों में विभागीय संस्थागत क्षमता मजबूत करने हेतु अनेक नियुक्तियाँ की गईं तथा अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट को प्रोत्साहन देते हुए आईटीआई उत्तीर्ण 113 प्रशिक्षणार्थियों को अबूधाबी, जापान, स्लोवाकिया, कुवैत सहित विदेशों में रोजगार उपलब्ध कराया गया। प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार, रोजगार और अप्रेंटिसशिप से जोड़ने के लिए प्रतिमाह युवा संगम आयोजित किए जा रहे हैं; विगत दो वर्षों में 656 युवा संगमों के माध्यम से कुल 1,56,767 आवेदकों को रोजगार से जोड़ा गया।

राज्यमंत्री टेटवाल ने जानकारी दी किआगामी तीन वर्षों की समग्र रूपरेखा में प्रदेश के आईटीआई विहीन 51 विकासखंडों में नये शासकीय आईटीआई की स्थापना, रिक्त पदों की पूर्ति, पीएम सेतु योजना के तहत क्लस्टर विकास, सीएसआर सहयोग से आधुनिक स्किल लैब का विस्तार, अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट का बढ़ावा, विश्व कौशल प्रतियोगिताओं में प्रदेश का उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रशिक्षकों के लिए पुरस्कार प्रोत्साहन प्रमुख उद्देश्य होंगे। साथ ही, ग्रीन एनर्जी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र के अनुरूप नए कोर्स और प्रशिक्षण शुरू कर प्रदेश के युवाओं को आने वाले हरित व स्वचालित रोजगार बाजार के लिये तैयार किया जा रहा है।

राज्य मंत्री टेटवाल ने कहा कि ये उपलब्धियाँ हमारे सामूहिक परिश्रम, समर्पण और साझेदारी का नतीजा हैं और कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का उद्देश्य मध्यप्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए प्रदेश को रोजगार का नया मानक बनाना है।

 

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