गलत दिशा में खाना और सोना बन सकता है बीमारी की वजह, आज ही बदलें आदतें

आपकी जीवनशैली पर वास्तु का गहरा असर पड़ता है। खाने से लेकर सोने तक वास्तु शास्त्र में हर चीज के लिए एक सही दिशा का वर्णन किया गया है, जिनका ध्यान रखने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसे में आपको भी इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
खाने के लिए सही दिशा
वास्तु शास्त्र में खाना खाने के लिए पूर्व या उत्तर दिशा को सही माना गया है। अर्थात भोजन करते समय आपका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि ऐसा करने से पाचन में मदद मिलती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही दक्षिण दिशा में भोजन करने से बचना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र में इसे यम की दिशा माना गया है। ऐसे में इस दिशा में मुख करके भोजन करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य व मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर पश्चिम दिशा में भोजन किया जाए, तो इससे बीमारियों में वृद्धि होती है।
सोने के लिए कौन सी दिशा है उचित
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि सोते समय आपका सिर दक्षिण या पूर्व की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से आरामदायक नींद आती है, जिससे स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही उत्तर या फिर पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है और स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही वास्तु नियमों के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं सोना चाहिए और न ही दरवाजे की तरफ पैर करके सोना चाहिए।
इन दिशाओं का भी रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र में पूजा आदि के लिए उत्तर-पूर्व दिशा यानी (ईशान कोण) को सबसे उत्तम माना गया है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और घर में दिव्यता लाती है। ऐसे में आपका मंदिर इसी दिशा में होना चाहिए। वहीं अगर आपका बेडरूम घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में है, तो इससे रिश्तों में स्थिरता और मधुरता आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में सोने से दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है।



