विकसित उत्तर प्रदेश 2047 : ग्रामीण यूपी का नया चेहरा, छोटे गांवों से उभर रहे स्टार्टअप

75 जिलों में ओडीओपी और स्टार्टअप मॉडल ने लोकल प्रोडक्ट्स को बाजार, ब्रांडिंग और डिजिटल पहुंच दिया
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढे आठ सालों में प्रदेश सरकार ने ग्रामीण नवाचार को प्रोत्साहित करने को लेकर कई विशेष कदम उठाए हैं। जिनका सकारात्मक प्रभाव अब धरातल पर दिखने लगा है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 21,000 स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें से 22 से 25 प्रतिशत स्टार्टअप ग्रामीण और छोटे कस्बों से उभर रहे हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि अब ग्रामीण युवा भी तकनीक आधारित रोजगार के नए अवसर को प्राप्त कर रहे हैं। यह परिवर्तन केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण समाज में उद्यमशीलता की नई भावना पैदा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप क्रांति अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रही रही। अब यह छोटे गांवों और कस्बों में भी इनका प्रभाव देखने को मिल रहा है।
प्रदेश सरकार की ओर से जिस प्रकार से कदम उठाए जा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट हो चुका है कि वर्ष 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश का स्वप्न ग्रामीण नवाचार और उद्यमिता से ही साकार होगा। गांवों से निकलते ये स्टार्टअप न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को दिशा दे रहे हैं बल्कि एक नए आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत का आधार भी तैयार कर रहे हैं।
सीड फंडिंग और मेंटरशिप से मिली नई दिशा…
ग्रामीण उद्यमिता को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने सीड फंडिंग, मेंटरशिप, इन्क्यूबेशन और मार्केट लिंकेज जैसे सभी महत्वपूर्ण तत्वों को एक साथ जोड़कर एक प्रभावी प्रणाली तैयार की है। इससे युवा केवल स्टार्टअप की शुरुआत ही नहीं कर रहे बल्कि उसे टिकाऊ और बाज़ार योग्य बनाने में भी सफल हो रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न इन्क्यूबेशन सेंटरों में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों और ग्रामीण उत्पादकों के लिए तकनीक आधारित समाधान विकसित हो रहे हैं, जिनमें स्मार्ट खेती, डिजिटल मार्केटिंग और उत्पाद गुणवत्ता सुधार जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं। सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण नवाचार को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया जाए जिससे गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण की मजबूत नींव रखी जा सके।
ओडीओपी प्लस स्टार्टअप मॉडल ने बढ़ाया ग्रामीण उत्पादों का मूल्य…
प्रदेश के 75 जिलों में लागू किया गया ओडीओपी प्लस स्टार्टअप मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई पहचान दे रहा है। यह मॉडल स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार, ब्रांडिंग और डिजिटल पहुंच प्रदान कर रहा है। पहले जहां छोटे गांवों के उत्पाद सीमित बाजारों तक ही पहुंच पाते थे वहीं अब ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स आधारित समाधान ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचा दिया है। इससे न केवल बिक्री बढ़ी है बल्कि ग्रामीण उत्पादों की पहचान और मूल्य में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह मॉडल राज्य में आत्मनिर्भरता और स्थानीय रोजगार को मजबूत करने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरा है।
एग्रो टेक और ग्रामीण ई-कॉमर्स में युवाओं की बढ़ती भूमिका…
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में एफपीओ, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, मिट्टी के स्वास्थ्य और डिजिटल खेती जैसे क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में तकनीक आधारित स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स एड टेक और एग्रो टेक जैसे सेक्टर ग्रामीण युवाओं को नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। खासतौर पर कृषि आधारित स्टार्टअप ने किसानों को सीधे बाजार से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि उत्तर प्रदेश का विकास तभी संभव है जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार और उद्यमिता के अवसर मिलेंगे। ग्रामीण स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के साधन विकसित होने से ग्रामीण स्तर पर पलायन भी कम हुआ है।



