कस्तूरबा छात्रावास अधीक्षकों का प्रशिक्षण

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर तैयार की गई प्रशिक्षण मार्गदर्शिका
भोपाल
प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालिकाओं की स्कूली शिक्षा के लिए संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की पहचान केवल आवासीय विद्यालय के रूप में ही नहीं है, ये छात्रावास सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समुदायों की बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये विशेष छात्रावास के रूप में पहचाने जाते हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के सुचारू संचालन के लिए इन दिनों यहॉ की छात्रावास अधीक्षकों को सशक्तिरण के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राष्ट्रीय शैक्षणिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा) के सहयोग से केजीबीवी वार्डन के सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण प्रारंभ किया है। नीपा नई दिल्ली ने इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों और मूल भावनाओं के अनुरूप एक प्रशिक्षण मार्गदर्शिका भी तैयार की है, जिसमें वार्डन की भूमिका, वित्तीय प्रबंधन एवं उपयोग, लैंगिक संवेदनशीलता, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सुरक्षा तथा सामाजिक भावनात्मक विकास जैसे प्रमुख विषयों को शामिल किया गया है।
राज्य शिक्षा केन्द्र के अपर संचालक डॉ. अरूण सिंह ने बताया कि प्रत्येक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय केन्द्र में वार्डन होती है, वार्डन छात्रावास में रह कर अध्ययन कर रही बालिकाओं की एक मार्गदर्शक, अभिभावक, संरक्षक, प्रशासक के रूप में छात्राओं के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रशिक्षण के बाद वार्डन की कार्यक्षमता में और वृद्धि होगी और वे कुशलतापूर्वक कार्य कर सकेंगी।
207 कस्तूरबा छात्रावास
प्रदेश में वर्तमान में 207 कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 40 हजार बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं को आवास सुविधा के साथ भोजन, स्पोटर्स, आत्मरक्षा, उपचारात्मक शिक्षा, करियर कॉउंसिल भी शामिल हैं।



